नई दिल्ली – मुंबई बम कांड के दोषी टाइगर मेमन ने कहा है कि वह याकूब को फांसी दिए जाने का बदला लेगा। टाइगर ने यह बात अपनी मां से की।
ईटी में छपी खबर के अनुसार बम कांड के 22 वर्षों बाद मुंबई पुलिस ने टाइगर मेमन की आवाज सुनी। टाइगर ने अपने भाई को फांसी दिए जाने से लगभग डेढ़ घंटे पहले ही अपनी मां और परिवार के लोगों से बात की थी। इस बातचीत के बाद पुलिस और सुरक्षा से जुड़े अधिकारी चौकन्ने हो गए हैं।
खबर के अनुसार यह बातचीत तीन मिनट तक की गई। बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट भी पुलिस के पास मौजूद है।
जानकारी के अनुसार टाइगर ने यह फोन 30 जुलाई की सुबह 5.35 बजे किया था। टाइगर ने सलाम वालेकुम के बाद फोन अपनी मां हनीफा को देने के कहा। बातचीत में उसने बार-बार याकूब के मौत का बदला लेने की बात कही।
जवाब में मां रोते हुए कहती है-“बस हो गया, पहले की वजह से मेरा याकूब गया अब और मैं नहीं देख सकती।”
खबर के अनुसार टाइगर ने मां की अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया और बदला लेने की बात दोहराई। इसके बाद हनीफा ने फोन एक अन्य सदस्य को दे दिया, उसे टाइगर ने बताया कि परिवार के आंसू बेकार नहीं जाएंगे।
मुंबई पुलिस का कहना है कि कॉल वाइस ऑवर इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिए की गई। हालांकि कॉल के एक आईपी एड्रेस से दूसरे पर बदलते रहने के चलते पुलिस आईपी एड्रेस ट्रेस नहीं कर पाई।
बताया जा रहा है कि ट्रेस होने से बचने के लिए टाइगर ने केवल तीन मिनट बात करने के बाद फोन काट दिया। हालांकि पुलिस जांच में जुटी है कि कॉल कहां से की गई है।
वहीं दूसरी महाराष्ट्र सरकार के एडिश्नल गृह सचिव केपी बख्शी इस वार्तालाप से अनजान दिखे पूछे जाने पर उन्होंने और डीजीपी ने कहा कि जानकारी नहीं हैं। हालांकि जांच एजेंसी इस कॉल के बाद से अलर्ट पर हैं, उन्हें लगता है कि डी कंपनी महाराष्ट्र या देश के अन्य भाग में धमाके करवा सकती है।
मुंबई बम ब्लास्ट मामले में दोषी याकूब मेमन को फांसी पर चढ़ा दिया गया है,लेकिन मामले में असल दोषी टाइगर अब भी फरार है। वह भाई की मौत का बदला लेने की धमकी दे रहा है।
इससे पूर्व डी कंपनी में दाऊद का गुर्गा छोटा शकील भी धमकी देकर बदला लेने की बात कर चुका है। देश के कई दिग्गजों ने भी कोर्ट से गुहार लगाई थी कि याकूब को फांसी न दी जाए।
विरोध करने वालों में बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान भी शामिल हो गए थे। लेकिन बाद में विरोध के कारण उन्होंने अपनी गलती मानी और ट्वीट हटा लिए।
इससे पूर्व एआईएमआईएम के नेता ओवौसी ने भी याकूब के फांसी का विरोध जताया था। लेकिन सारी मांगों को दरकिनार करते हुए कोर्ट ने याकूब की फांसी बरकरार रखी।
याकूब पर आरोप थे कि जिन वाहनों पर हथियार और बारूद प्लांट किए गए वह गाड़ियां उसी ने मुहैया करायी थीं।