18वीं सदी में मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान की आज जयंती है। कर्नाटक में कांग्रेस इसे भारी-भरकंप सुरक्षा और विरोध प्रदर्शन के बीच मना रही है। कार्यक्रम के विरोध में यहां मदिकेरी में राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों पर पत्थबाजी की गई।
कोडागू में इसी को ध्यान में रखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है। जबकि बेंगलुरु शहर में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। राज्य भर में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 11 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, राज्य भर में शराब की बिक्री भी रोकी गई है। सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार यहां तीन सालों से 18 सदी के दौरान मैसूर के शासक रहे टीपू को स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सम्मानित कर रही है।
कोडावा समुदाय, भाजपा और कुछ दक्षिणपंथी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनके मुताबिक, टीपू धार्मिक आधार पर कट्टर था। जबरन उसने लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर इस्लाम कबूल कराया था।
विपक्षियों के विरोध के बाद भी कांग्रेस ने टीपू जयंती मनाने का फैसला किया, जिसके चलते उसे विरोध का सामना करना पड़ा। ममदिकेरी में प्रदर्शनकारी भड़क गए और उन्होंने राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों पर पत्थबाजी करना शुरू कर दिया।
उधर, कोडागू में हालात बिगड़ते देख धारा 144 लगा दी गई है। बाकी जगहों पर भी सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है।
पुलिस के निर्देश के मुताबिक, सरकार के कार्यक्रम में होने वाले जुलूस को छोड़कर किसी और को उसे निकालने की छूट नहीं होगी। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर टी.सुनील कुमार ने बताया, “कर्नाटक राज्य पुलिस की 30 टुकड़ियां और 25 सशस्त्र दल के साथ पुलिसकर्मी और बाकी अधिकारी शहर में तैनात किए गए।”