नई दिल्ली- देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के ठीक पीछे की तरफ जंगल में पुलिस को एक गुफानुमा मजार मिली है। इस गुफा के बारे में पुलिस को इससे पहले कोई जानकारी नहीं थी। दिल्ली पुलिस ने इस मजार से दो संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार भी किया लेकिन गहन पूछताछ के बाद सबकुछ सामान्य मिलने पर दोनों को छोड़ दिया गया।
दरअसल, पुलिस की पेट्रोलिंग वैन शनिवार शाम को राष्ट्रपति भवन के पीछे के रोड से गुजर रही थी। उसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने जंगल की दीवार फांदते हुए एक युवक को देखा। मामला चुंकि राष्ट्रपति भवन से जुड़ा हुआ था, इसलिए पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए जंगल में तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान ही पुलिस की टीम की नजर इस गुफानुमा मजार पर पड़ी।
इससे पहले पुलिस के पास इस मजार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस को मजार के पास 70 वर्षीय गाजी नुरूल हसन और उनका बेटा मोहम्मद नूर मिले, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने जब थाने लाकर दोनों से पूछताछ की तो नुरूल हसन ने बताया कि वह पिछले 42 साल से इस मजार पर रह रहा है और मजार पर आने वाले चढ़ावे से ही अपना गुजारा करता है।
पुलिस के मांगने पर उसने अपना मतदाता पहचान पत्र सहित कई और दस्तावजे भी दिखाए। हालांकि नुरूल हसन को आस-पास के लोग नहीं जानते। उसने बताया कि वह जड़ी-बूटी की तलाश में यहां आया था। उसने बताया कि इस दौरान उसे यह मजार मिली और फिर वो वहीं रहने लगा। नुरूल हसन ने यह भी बताया कि वह पूर्व राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के लिए धार्मिक उपदेश देता था। हालांकि दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह सुरक्षा से जुड़ा एक रूटीन अभ्यास था।