खंडवा : शनिवार को रोहणी वनपरिक्षेत्र से हटाए गए अतिक्रमण के बाद वहां रहने वाले आदिवासी लोग जागृति आदिवासी दलित संगठन की नेता माधुरी बेन के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस डेलिगेशन ने कलेक्टर अनय द्विवेदी से मुलाकात कर वन परिक्षेत्र में हुई कार्यवाही को अवैध बताया। आदिवासी संघटन ने मांग कि हैं इसकी जाँच कराई जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जाए। आदिवासी संघटन ने आरोप लगाया की वन विभाग द्वारा लाई गई भीड़ ने इस कार्यवाही के दौरान गुंडागर्दी कर आदिवसियों के टूटे घरो में लूटपाट की।
शनिवार को वन विभाग ने रोहणी वनपरिक्षेत्र में बड़ी कार्यवाही करते हुए। यहाँ लगभग 19 आदिवसियों के घरों को जमींदोज़ कर दिया। जिला प्रशासन इस कार्यवाही को विधिसम्मत बताता रहा लेकिन अब आदिवासियों के लिए काम करने वाले संगठन जागृति आदिवासी दलित संगठन की नेता माधुरी बेन ने इस पूरी कार्यवाही पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। माधुरी बेन का कहना हैं कि हाई कोर्ट का आदेश है कि कोविड काल में किसी को भी बेघर नहीं किया जाए लेकिन यहाँ वन विभाग और जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए इन आदिवासियों को बेघर कर दिया। उसनका कहना है कि ये बेदखली पूरी तरह गैरकानूनी हैं। इतना ही नहीं माधुरी बेन ने यह भी आरोप लगाया की इस कार्यवाही के दौरान वन विभाग ने अन्य गांव वालों को लेकर टूटे घरो में लूट भी करवाई। उन्होंने कहा की न सिर्फ कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई बल्कि वन अधिकार कानून और ट्राइबल आदेश का भी उलंघन किया गया हैं।
आदिवासी नेता माधुरी बेन ने सरकार की गौरक्षा निति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा सरकार गौरक्षा की बात करती है लेकिन कार्यवाही के दौरान दो गायों की मौत हो गई वहीं वनविभाग ने चारे में कीटनाशक मिला दिया जिसे खाने से अगले दिन फिर दो मवेशिओं की मौत हो गई। तो यह किसी गौरक्षा हैं। माधुरी बेन कहा की वह इस मामले में वन मंत्री से भी मिलेंगी अगर कार्यवाही नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इधर जिला कलेक्टर अनय द्विवेदी ने कहा कि एक डेलिगेशन मिला था उन्होंने शिकायत की हैं की वन विभाग ने जो कार्यवाही की है वह गलत है जिसका विस्तृत प्रतिवेदन उन्होंने दिया है हम विभाग को भेज कर जो भी उचित होगा कार्यवाही करेंगे।
अब देखना यह हैं कि इन आदिवासियों की मांग पर प्रशासन क्या कार्यवाही करता हैं तेज़ न्यूज़