अगरतला : त्रिपुरा हिंसा मामले में गिरफ्तार की गईं दो महिला पत्रकारों को भले ही जमानत पर रिहा कर दिया गया हो, लेकिन उनकी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया है कि दोनों महिला पत्रकार राजनीतिक दल की एजेंट हैं। मंत्री का कहना है कि दोनों महिला का उद्देश्य राज्य में अशांति फैलाना था। इसी के लिए उन्होंने फर्जी तस्वीरें और खबरें वायरल की थीं। उन्होंने का दोनों पत्रकार सांप्रदायिक गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहीं थीं।
गलत खबर चलाने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
त्रिपुरा हिंसा कवर कर रहीं दो महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन पर आरोप था कि दोनों ने फर्जी खबर चलाई, जिससे राज्य का माहौल खराब हुआ। यह गिरफ्तारी विश्व हिंदू परिषद की शिकायत के बाद दर्ज की गई थी, लेकिन सोमवार को त्रिपुरा की एक स्थानीय अदालत ने दोनों पत्रकारों को जमानत दे दी।
जांच में सहयोग न करने का भी आरोप
मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया कि दोनों पत्रकारों ने दर्ज मामले में जांच में भी सहयोग नहीं किय। पहले उन्होंने पुलिस से कहा कि वे अगरतला से नई दिल्ली जाएंगी, लेकिन बिना किसी सूचना के वे असम के नीलमबाजार चले गए। अगर वे पत्रकार हैं, तो उन्हें ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी।