लखनऊ: संगमरमरी पत्थरों से निर्मित, पच्चीकारी का बेजोड़ नमूना, अप्रतिम सौंदर्य, पार्श्व में कलकल करती यमुना। यही है मोहब्बत की बेमिसाल निशानी ताज। इसका दीदार करने सुदूर देशों से सैलानी आते हैं। यहां आने वाले पति-पत्नी स्मारक देखने के साथ शाहजहां-मुमताज के प्यार को महसूस भी करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी ताज देखने पत्नी मेलानिया के साथ आ रहे हैं। हालांकि, उनसे पहले दो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ताज देखने अकेले ही आए।
सबसे पहले बात करते हैं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ड्वाइट डेविड आइजनहावर की। वर्ष 1959 में आइजनहावर ताज का दीदार करने तो आए लेकिन उनके साथ उनकी पत्नी नहीं थीं। उसके बाद 22 मार्च 2000 को तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ताज को निहारने के लिए आए, लेकिन उनके साथ उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन नहीं थीं। हिलेरी क्लिंटन उनसे पहले वर्ष 1995 में अपनी बेटी के ताजमहल देखने आ चुकी थीं। ट्रंप ने इन दोनों राष्ट्रपतियों से अलग अपनी राय बनाते हुए पत्नी के साथ ताजमहल देखने का निर्णय किया। ट्रंप पत्नी के साथ ताज देखने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे।
ये राष्ट्रपति भारत आए पर ताज नहीं निहारा
वर्ष 1962 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी पत्नी जैकलीन कैनेडी के साथ आए थे। 1969 में रिचर्ड निक्सन अपनी पत्नी पैट्रीशिया निक्सन के साथ भारत दौरे आए थे। वर्ष 1978 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर अपनी पत्नी रोजेलिन कार्टर के साथ आए थे। वर्ष 2006 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उनकी पत्नी लॉरा बुश आए थे। वर्ष 2010 और 2015 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा भारत दौरे पर आए थे। ये सभी राष्ट्रपति ताज देखने के लिए नहीं आए।
जब नेहरू ने आइजनहावर को किया था गाइड
वर्ष 1959 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति आइजनहावर जब ताज देखने आए तो उनके साथ भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी आए थे। उन्होंने ही ताजमहल में अमेरिकी राष्ट्रपति को गाइड करते हुए ताजमहल के इतिहास के बारे में बताया था। वह उन्हें खुली कार में बिठाकर ले गए थे। बाद में बिचपुरी ब्लॉक के लड़ामदा गांव भी गए। ये सफर उन्होंने बैलगाड़ी में बैठकर पूरा किया था।
@शाश्वत तिवारी