भारत और तुर्की के बीच सोमवार को द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध मजबूत करने पर सहमति बनी। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने भारत तुर्की बिजनेस फोरम पर कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहमत हूं कि हमें अपने आर्थिक संबंध मजबूत करने चाहिए और आज (सोमवार) हमारे पास इस संबंध में विस्तार से बात करने का मौका है।
उन्होंने कहा, “मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता शुरू करना अच्छा रहेगा, जिससे हमारे रिश्तों को और मजबूती मिलेगी। एर्दोगन ने फोरम के आयोजक भारतीय उद्योग मंडल (फिक्की) द्वारा तुर्की में संपर्क कार्यालय खोलने और भारत में तुर्की के आयात कार्यालय खोलने की बात पर कहा कि व्यापार संतुलन बहुत अधिक तुर्की के खिलाफ है। उन्होंने कहा, भारत और तुर्की के बीच संयुक्त व्यापार में संतुलन होना चाहिए और इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।
पिछले साल भारत और तुर्की के बीच 6.5 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था, जिसमें से भारत ने करीब 5.8 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जबकि तुर्की ने भारत में केवल 65.2 करोड़ डॉलर का ही निर्यात किया था। एर्दोगन ने कहा, यह तुर्की के लिए अनुकूल नहीं है। इसलिए पारस्परिक निवेश बढ़ाया जाना चाहिए ताकि व्यापार संतुलन कायम किया जा सके।
मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के विकास में भारी निवेश की योजना बनाई है और दुनियाभर में मशहूर तुर्की की निर्माण कंपनियां ‘भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में भागीदारी निभा सकती हैं।’
एर्दोगन ने कहा, यह बैठक व्यापारिक रिश्तों के एक नए युग की शुरुआत की सूचक है। इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में एर्दोगन का औपचारिक स्वागत किया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। एर्दोगन भारत के दो दिवसीय दौरे पर रविवार को नई दिल्ली पहुंचे है |