मिर्जापुर : मिर्जापुर जिले के पड़री थाना क्षेत्र के रामपुर सिकरी गांव में बुधवार की रात में ईट भट्ठे पर मजदूर के मड़हे में ढिबरी से आग लगने से अंदर सो रहे दो बच्चों की जलकर मौत हो गयी। दोनों में बच्चो में मामा-भांजे का रिश्ता है।
बिहार के गया जिले के चनौती थाना क्षेत्र के शेरभुखा गांव निवासी विजय छह माह से अपनी पत्नी शारदा व तीन बेटो के साथ ईट पाथने का काम करता है। एक सप्ताह पूर्व उसने भट्ठे पर अपने दामाद को बुलाया था। बिहार के गया निवासी दामाद जगत अपने एक बेटी और एक बेटे को लेकर आया था।
बुधवार की रात खाना खाकर सभी मड़हे के बाहर बैठ थे। मड़हे में विजय का आठ वर्षीय पुत्र मनदीपक और उसके दामाद जगत का छह वर्षीय पुत्र विक्कू सो रहा था। रात में हाल में मड़हे में आग लग गयी। देखते ही देखते आग ने विकराल रुप धारण कर लिया। मड़हे के पास बैठे परिजनो ने आग देख उसे बुझाने की कोशिश की। किसी तरह दोनों बच्चों को मड़हे से निकालकर बाहर लाये। दोनों को मंडलीय अस्पताल लाया गया। उपचार के दौरान दोनों बच्चों की मौत हो गयी। परिजनों ने भट्ठा मालिक पर सहयोग न करने का आरोप लगाया।
ईंट भट्ठे पर विजय अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ काम करता है। इसमें सबसे बड़ा पुत्र 12 वर्षीय उमेश, 10 वर्षीय नांहक व आठ वर्षीय मनदीपक है। इसमें मनदीपक की रात में मड़हे में सो रहा था। इसके साथ ही विजय के दामाद जगत को भी तीन बच्चे है। इसमें वह अपने बड़े पुत्र नौ वर्षीय अखिलेश को लेकर नहीं आया था। उसके साथ उसका छह वर्षीय पुत्र विक्कू और दो साल की पुत्र गोरकी साथ आया था। बुधवार की रात विक्कू अपने मामा मनदीपक के साथ मड़हे में सो रहा था। बाकी बच्चे दूसरे मड़हे में सो रहे थे। अलग मड़हे में सोने के कारण अन्य बच्चे आग में झुलसने से बच गये।
बिहार के गया निवासी जगत अपने ससुर विजय के कहने पर एक सप्ताह पूर्व घुमने के लिए पत्नी और बच्चों को साथ लेकर भट्ठे पर आया था। जगत ने बताया कि वे गुरुवार की सुबह बिहार वापस जाने वाला था। रात में मड़हे के बाह बैठ कर घर जाने की तैयारी कर रहे थे। उसी दौरान रात में आ लग गयी और हादसा हो गया। आग लगने का कारण नहीं पता चल सका है।