इंफाल: राजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए मणिपुर के दो असंतुष्ट नेताओं ने मंगलवार को ब्रिटेन में निर्वासन में मणिपुर सरकार की शुरुआत की घोषणा कर सियासी खलबची मचा दी। हालांकि राजा लेशेम्बा ने इसकी कड़ी निंदा की है।
लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन में याम्बेन बिरेन ने मणिपुर स्टेट काउंसिल का मुख्यमंत्री और नरेंगबाम समरजीत ने मणिपुर स्टेट काउंसिल का रक्षा और विदेश मंत्री होने का दावा किया।
उन्होंने कहा कि वे मणिपुर के महाराजा की ओर से बोल रहे हैं और औपचारिक तौर पर निर्वासन में मणिपुर स्टेट काउंसिल की सरकार शुरू कर रहे हैं। बिरेन और समरजीत ने इस दौरान दस्तावेज भी पेश किए जिनमें यह दिखाया गया कि इस साल अगस्त में उन्हें राजनीतिक रूप से ब्रिटेन में शरण मिली है।
इस दावे पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कहा कि सरकार ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है और राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का मामला दर्ज किया गया है। ये मामला स्पेशल क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। जांच के बाद ये मामला एनआईए को सौंपा जाएगा क्योंकि वे विदेश से काम कर रहे हैं।
Manipur Chief Minister, N Biren Singh: After finding the details the case will be handed over to the National Investigation Agency (NIA) because they are operating from other countries. https://t.co/aHAzBfwzo6
— ANI (@ANI) October 30, 2019
वहीं राजा लेशेम्बा ने कहा कि मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। ये बहुत हैरान करने वाला है कि उन्होंने मेरा नाम इसमें घसीटा। इससे समाज में नकारात्मकता फैलेगी।
Erstwhile King of Manipur, Leishemba Sanajaoba: I condemn this in the strongest term, it was shocking that they (2 separatists who claimed to have set up Manipur’s ‘government in exile’ in UK) dragged my name. This will create negative energy in society. https://t.co/aHAzBfwzo6 pic.twitter.com/qqmRYmLj06
— ANI (@ANI) October 30, 2019