लगातार दूसरे साल हुआ क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा, ब्रेंट के दाम में 10 फीसदी का उछाल
वर्ष 2021 में 50 फीसदी की छलांग लगाने के बाद, साल 2022 में ब्रेंट में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि हुई. पिछले वर्ष के 55 फीसदी के लाभ के बाद, 2022 में अमेरिकी क्रूड लगभग 7 फीसदी बढ़ा.
साल 2022 में कच्चे तेल की कीमत (Crude Oil Price) में अच्छी तेजी देखने को मिली है. यह लगातार दूसरा साल है जब कच्चे तेल के दाम में इजाफा (Crude Oil Price Hike) देखने को मिला है. साल के शुरुआती महीनों में रूस-यूक्रेन वॉर (Russia-Ukraine War) की वजह से कच्चे तेल के दाम रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे. उसके बाद दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल आयातक चीन की ओर से डिमांड में कमी देखने को मिली और दाम कम हो गए. उसके बाद जीडीपी में गिरावट के कारण क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट आई. उसके बाद भी साल 2022 में कच्चे तेल में इजाफा देखने को मिला और साल के आखिरी कारोबारी दिन क्रूड ऑयल के दाम में करीब 3 फीसदी की तेजी देखने को मिली.
पहली तिमाही में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए थे दाम
कैलेंडर ईयर की पहली तिमाही के आखिरी दिनों में क्रूड ऑयल के दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए थे. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम 139.14 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए थे. वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी. इसका कारण रूस यूक्रेन वॉर. इसकी वजह से ग्लोबल सप्लाई में काफी व्यवधान देखने को मिला था. रूसी ऑयल जो यूरोपीय देशों का सप्लायर था ने सप्लाई बंद कर दी थी. जिसकी वजह से कीमत में तेजी देखने को मिली थी. दूसरी छमाही में केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि कर मंदी की चिंता को दूर कर दिया और क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट देखने को मिली.
अगले साल देखने को मिल सकती है अस्थिरता
आईएनजी विश्लेषक इवा मांथे ने कहा कि कमोडिटी बाजारों के लिए यह एक असाधारण वर्ष रहा है, सप्लाई जोखिम के कारण अस्थिरता बढ़ी है और कीमतें बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि अगला साल अनिश्चितता का एक और साल होने वाला है, बहुत सारी अस्थिरता देखने को मिल सकती है. साल के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड लगभग 3 फीसदी के इजाफे के साथ 86 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 2.4 फीसदी बढ़कर 80.26 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
कितना हुआ इजाफा
वर्ष 2021 में 50 फीसदी की छलांग लगाने के बाद, साल 2022 में ब्रेंट में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि हुई. पिछले वर्ष के 55 फीसदी के लाभ के बाद, 2022 में अमेरिकी क्रूड लगभग 7 फीसदी बढ़ा. दोनों बेंचमार्क 2020 में तेजी से गिरे थे क्योंकि COVID-19 महामारी ने फ्यूल की मांग को कम कर दिया था. साल 2023 में निवेशकों से उम्मीद है कि वे सतर्क रुख अपनाते रहेंगे, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और संभावित मंदी से सावधान रहेंगे.
साल 2023 में इतने रह सकते हैं दाम
न्यूयॉर्क में अगेन कैपिटल एलएलसी के पार्टनर जॉन किल्डफ ने कहा कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा भारी-भरकम कार्रवाइयों और मंदी की वजह से डिमांड और डिमांड ग्रोथ एक वास्तविक सवाल बनने जा रही है. 30 अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों के एक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि 2023 में ब्रेंट का औसत 89.37 डॉलर प्रति बैरल होगा, जो नवंबर के एक सर्वे में आम सहमति से लगभग 4.6 फीसदी कम है. 2023 में यूएस क्रूड का औसत 84.84 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान है, जो पूर्व के दृष्टिकोण से कम है.
इस वजह से क्रूड ऑयल की कीमत में आई गिरावट
महंगाई से लड़ने के लिए बढ़ती ब्याज दरों के कारण 2022 की दूसरी छमाही में तेल की गिरावट ने अमेरिकी डॉलर को बढ़ावा दिया. जिसकी वजह से नॉन डॉलर रखने वाले देशों के लिए कच्चे तेल जैसी डॉलर-मूल्य वाली वस्तुएं अधिक महंगी हो गईं. डॉलर 2015 के बाद से अपनी सबसे बड़ी वार्षिक बढ़त हासिल करने की राह पर था. चीन के जीरो-कोविड प्रतिबंधों, जिन्हें इस महीने ही ढील दी गई थी, ने मांग में सुधार की उम्मीदों को खत्म कर दिया था. दुनिया के शीर्ष तेल आयातक और दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता ने 2022 में तेल की मांग में वर्षों की पहली गिरावट दर्ज की. चीन की तेल मांग 2023 में ठीक होने की उम्मीद है, हाल ही में COVID-19 मामलों में उछाल ने बैरल खरीद में तत्काल वृद्धि की उम्मीद कम कर दी है.