उज्जैन : सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान के दौरान सोमवार दोपहर अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। बादल इतने घने छा गए कि वाहन चालकों को उसकी लाइट जलाना पड़ी। इस दौरान यहां पहुंचे श्रद्धालु जहां-तहां फंस गए। तेज हवा से कई पंडाल भी उड़ गए।
अक्षय तृतीया और शाही स्नान होने से यहां बड़ी लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही तेज हवाओं के साथ ओलावृषि हुई से कई पंडाल उखड़कर गिर गए थे। जिसमें दबकर सात लोगों की मौत हो गई थी।
ऐसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने ऐहतिहातन तैयारियां कर रखी हैं। लेकिन उज्जैन शहर में शाही स्नान पर पहुंची भीड़ के कारण कई मुश्किलों का सामान करना पड़ रहा है। फायर ब्रिगेड, होम गार्ड और जिला अस्पताल को भी अलर्ट रखा गया है। उधर एक पार्किंग डोम के तेज हवाओं में गिरने की खबर है। मंगलनाथ जोन में कई पंडालों के अंदर पानी भर गया।
मौसम केंद्र ने सोमवार को शाही स्थान के दिन उज्जैन में एक बार फिर आंधी-तूफान की चेतावनी दी थी। उधर ग्रह नक्षत्रों की जमावट के आधार पर ज्योतिषियों ने भी शाही स्नान के दौरान विघ्न-बाधा पड़ने की आशंका जताई थी।
राजस्थान और उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। साथ ही प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र से कर्नाटक तक एक द्रोणिका(ट्रफ) बनी हुई है। यह दोनों सिस्टटम लंबवत् 1.5 किमी. की ऊंचाई पर सक्रिय हैं। इस वजह से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से बड़े पैमाने पर नमी आ रही है। इससे यह सिस्टम बने हुए हैं।