कांग्रेस के पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह बुंदेला ने कहा है कि बीजेपी ने उन्हें दरकिनार कर दिया है। शराब जैसे मुद्दे को लेकर उनकी नहीं सुनी जा रही। इसलिए अब वह अवसाद में हैं। अवसाद के चलते वे इस तरह के बयान दे रही हैं।
बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती हिंदूवादी नेता की छवि के तौर पर मध्य प्रदेश में सियासी जमीन तलाश रही हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी उमा ने इस छवि को पेश करना शुरू भी कर दिया है।
टीकमगढ़ अपने घर पहुंची पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को द कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा कि जहां हिंदू अल्पसंख्यक होगा, वहां धर्मनिरपेक्षता संकट में होगी। कश्मीर इसका उदाहरण है।
उनके इस बयान को लेकर अब सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर उन्हें दरकिनार करने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है।
उन्होंने यहां मीडिया से कहा ही मैंने चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। पद और सीट पार्टी तय करेगी। शराबबंदी को लेकर उमा भारती ने कहा कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन तय करे कि शराब की दुकान किस स्थान पर खोलना चाहिए।
उनके फिल्म पर दिए बयान पर जिला बीजेपी अध्यक्ष अमित नुना ने कहा कि उमा हमारी सीनियर लीडर हैं। उन्होंने जो कहा है वो सही है।
दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह बुंदेला ने कहा है कि बीजेपी ने उन्हें दरकिनार कर दिया है। शराब जैसे मुद्दे को लेकर उनकी नहीं सुनी जा रही। इसलिए अब वह अवसाद में हैं। अवसाद के चलते वे इस तरह के बयान दे रही हैं।
उमा भारती के कश्मीर द फाइल्स को लेकर दिए बयान पर बुंदेला ने कहा कि उस वक्त परिस्थिति अलग थी। उनके विस्थापन को लेकर कांग्रेस सरकार ने भी कदम उठाया।
गौरतलब है कि मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर अचानक तीखे हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में भोपाल की एक शराब दुकान पर पहुंचकर पत्थर से बोतलें तोड़ दी थीं।
उन्होंने इस घटनाक्रम से ये संकेत दे दिया कि वे आम जनता के साथ खड़ी हैं। इससे पहले वे प्रदेश में कई बार शराबबंदी के लिए आंदोलन का ऐलान कर चुकी हैं। उमा भारती की इस सक्रियता से प्रदेश भाजपा के सामने एक बड़ी समस्या आ पड़ी है।
उमा भारती ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वे 2024 का चुनाव लड़ेंगी। ऐसे में मप्र में उनके लिए एक सीट तय करना पार्टी के लिए नई उलझन होगी।