उत्तर प्रदेश में इन दिनों ग्रामीण अवारा गायों और भैंसों की वजह से फसलों में हो रहे नुकसान से खासे परेशान हैं। इसलिए यहां लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराने और इन पशुओं से छुटकारा पाने का नया तरीका अपनाया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार घटना सूबे के नाखा ब्लॉक के तहत आने वाले गांव की है। जहां ग्रामीणों ने एक स्कूल के कंपाउंड में इन आवारा पुशओं को बंद कर ताला लगा दिया। हालांकि इस घटना के बाद भी ग्रामीणों की समस्या का समाधान होने की बजाय एक परेशानी और बढ़ गईं।
दरअसल जिस स्कूल में पशुओं को बंद किया गया। उसमें पढ़ने वाले छात्रों और शिक्षकों काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। क्योंकि यहां पढ़ने वाले करीब 100 छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई।
हालांकि कथित तौर पर कहा जा रहा ग्रामीण बढ़ती उम्र वाले मवेशियों को बेचने वाले नए नियम से अंजान हैं। इसलिए वो अपने पशुओं को आसपास के बाग-बगीचों में छोड़ देते हैं। जिससे ये पशु दोबारा गांव में आ जाते हैं और ऐसी समस्या पैदा हो जाती हैं।
दूसरी तरफ ग्रामीणों के इस नए विरोध पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राम जनक वर्मा एक्शन में आ गए। उन्होंने बुनियादी शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को तुरंत पूरे मामले की जानकारी दी। बीएसए अधिकारी की तत्काल कार्रवाई पर पुलिस और नायब तहसीलदार को स्कूल से पशुओं को मुक्त कराने के उद्देश्य से बातचीत के लिए भेजा गया।
खबर के अनुसार सभी पुशओं को स्कूल से बाहर निकाला गया है। गांव की स्थिति अब सामान्य है। वहीं ग्रामीणों को उनकी समस्या का समाधान करने के लिए आश्वसन दिया गया है। खबर के अनुसार बीती 13 अगस्त को पकारिया गांव निवासियों ने आवारा पशुओं के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए नया तरीका अपनाया था। ग्रामीणों ने इस दौरान दर्जनों गाय-बैलों को स्कूल में बंद कर दिया था।
@एजेंसी