नई दिल्ली – भारत ने ‘स्कूल से दूर’ रहने वाले बच्चों के मामले में अपने रिकॉर्ड में जबरदस्त सुधार किया है। यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा रिपोर्ट 2000-2015 के मुताबिक भारत ने इस कमी में 90 प्रतिशत का सुधार करते हुए ‘वैश्विक प्राथमिक शिक्षा’ को हासिल किया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भारत दक्षिण और पश्चिम एशिया में लड़कियों एवं लड़कों की प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा अनुपात को बराबरी पर रखने वाला एकमात्र देश बन सकता है।’
सर्व शिक्षा रिपोर्ट 2000-2015 में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 47 प्रतिशत देशों ने पूर्व-प्राथमिक नामांकन लक्ष्य हासिल किया है। साथ ही भारत समेत आठ देश इसे हासिल करने के काफी करीब हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘शिक्षा में नामांकन के स्तर को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। ज्ञान, विश्लेषणात्मक कौशल, तर्क क्षमता और कल्पनाशक्ति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रतिमान अपनाए जा रहे हैं।’
यूनेस्को की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने शिक्षा में लिंग समानता का लक्ष्य हासिल किया है लेकिन उसे वयस्क शिक्षा के मामले में काफी प्रगति करने की आवश्यकता है। भारत समेत दुनिया के 32 प्रतिशत देश इस लक्ष्य को हासिल करने से ‘काफी दूर’ हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे और किशोर 2030 तक पूर्व-प्राथमिक, प्राथमिक और न्यूनतम माध्यमिक शिक्षा हासिल कर सकें।