गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में 5वें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में शिरकत की।
इस दौरान उन्होंने कहा, ‘रामायण पर घंटो बोला जा सकता है। लेकिन, मैं ये कह सकता हूं कि हजारों वर्षों के अविरत भारत के सांस्कृतिक धारा प्रवाह की अभिव्यक्ति किसी महाकाव्य के अंदर हुई है, तो वो रामायण है।
अमित शाह ने कहा, ‘हमने बहुत साल से रामायण मंचन कार्यक्रम नहीं देखा इसलिए यहां ये मंचन देखने आए हैं। रामायण को सभी ने मंच पर मंचित करने का प्रयास किया है। देश की सीमाओं को लांघते हुए, रामायण पूर्ण महाकाव्य है। इस पूरे महाकाव्य में रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने सारे जीवन चरित्र का वर्णन किया है। प्रभु श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे जिससे उनका पूरा जीवन चरित्र उजागर होता है, रामायण में कई ऐसे काव्य हैं जो ग्यान विग्यान, सुशासन सबका वर्णन करते हैं। स्त्री की मर्यादा कैसे रखी जाती है उसका रामायण में वर्णन हैं, स्त्री की मर्यादा के लिए युद्ध उचित है तो होना चाहिए।’
शाह ने कहा कि संसार की सारी समस्याओं का समाधान हमें केवल रामायण में मिल सकता है। रामायण भारतीय संस्कृति का राजदूत बनकर अनेकानेक देशों के अंदर भाषाओं की मर्यादा और धर्म की मर्यादाओं को भी परास्त करते हुए पहुंचा है। शायद ही दुनिया की कोई ऐसी भाषा होगी जिसमें रामायण का अनुवाद न हुआ हो।
रामायण सिर्फ आर्दश जीवन को समझाने वाला काव्य नहीं है, बल्कि इसमें कई ऐसे संवाद हैं जो नीति शास्त्र का, सुशासन का, युद्ध शास्त्र का और ज्ञान व विज्ञान का भी परिचय देते हैं।
इससे पहले अमित शाह ने मोदी को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘आपके नेतृत्व में उभरते नए भारत ने विश्व में एक मजबूत, सुरक्षित और विश्वसनीय राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है।’
उन्होंने कहा, ‘हर भारतीय के जीवन को सुगम बनाने के लिए आपका परिश्रम एवं संकल्प भाव हमारे लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। एक जनप्रतिनिधि, एक कार्यकर्ता और एक देशवासी के रूप में आपके साथ राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में भागीदार बनना सौभाग्य की बात है। ईश्वर से आपके स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना करता हूं।’