आसनसोल : पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले में रामनवमी के बाद शुरू हुई हिंसा में स्थानीय नूरानी मस्जिद के इमाम इमदात उल्लाह राशिद ने अपने बेटे को खो दिया। बेटे की मौत दुखी इमाम राशिद ने दंगो में अपने बेटे की मौत को सांप्रदायिक मुद्दा ना बनाने की अपील की जिसकी देशभर में प्रशंसा हुई।
हिंसा के दौरान पुलिस वालों से झड़प को लेकर विवादों में आए केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद बाबुल सुप्रियो ने इमाम राशिद से फोन पर बातकर उनसे मिलने की इच्छा जताई है।
सुप्रियो ने ट्वीट कर लिखा, ‘इमाम साहब मैं आपको सलाम करता हूं। आशा करता हूं कि एक दिन मैं वोट बैंक की राजनीति के आरोप के बिना आपसे मिल सकूंगा। हम इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि आप किस दर्द से गुजर रहे होंगे लेकिन जिस तरह की भावना का आपने प्रदर्शन किया है, उससे मैं निश्चित रूप से काफी प्रेरित हुआ हूं और ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं।’
सुप्रियो ने इमाम से फोन पर बात भी की। उन्होंने कहा, ‘आसनसोल के आदर्श इमाम से बात कर तसल्ली महसूस कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि इमाम के पास उन्हें जाने नहीं दिया जाएगा, इसलिए वह अभी मिल नहीं पाएंगे।’
बता दें कि आसनसोल में सांप्रदायिक तनाव के बीच बुधवार को इमाम इमदात उल्लाह राशिद का सबसे छोटा बेटा हाफिज सबकत उल्लाह यहां के जिला अस्पताल में मृत अवस्था में पाया गया था।
‘अगर मुझसे प्यार करते हैं, तो अमन बहाल करें’
मृत हाफिज के गले और सिर पर चोट के गहरे निशान मिले थे, जिसके बाद कुछ लोगों द्वारा उसकी मौत को सांप्रदायिक मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही थी।
इसी बीच शुक्रवार को बेटे के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक करने से पहले इमाम ने आसनसोल की ईदगाह में मौजूद मुस्लिम समाज के लोगों से गुजारिश की कि वह हाफिज की मौत को सांप्रदायिक मुद्दा ना बनाएं और शहर में अमन बहाल करने में सहयोग करें।
ईदगाह में सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए इमाम इमदात उल्लाह राशिद ने कहा, ‘मैंने अपने बेटे को खोया है, इसे सांप्रदायिक मुद्दा न बनाएं। अगर आप मुझसे प्यार करते हैं तो अमन बहाल करें।’ इमाम की इस अपील के बाद उनके बेटे हाफिज के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।