केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि भारत में रहने के लिए भारत माता की जय कहना ही पड़ेगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने नागरिकता संशोधन कानून पर कहा कि क्या नेता जी सुभाष चंद्र बोस का बलिदान बेकार जाएगा? क्या भगत सिंह का बलिदान बेकार जाएगा? क्या लोगों ने स्वतंत्रता के लिए इसलिए लड़ाई लड़ी ताकि आजादी के 70 साल बाद देश इस विषय पर विचार करेगा कि निगरिकता गिनें या न गिनें?
महाराष्ट्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक समारोह में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि क्या इस देश को हम धर्मशाला बनाएंगे? क्या इस देश में कोई भी आकर रह पाएगा? इस विषय पर विचार करना पड़ेगा। इस विचार को स्पष्ट करना पड़ेगा कि भारत में भारत माता की जय कहना ही पड़ेगा। ऐसे लोग ही यहां रह पाएंगे। इस विचार को हमें स्पष्ट करना ही पड़ेगा।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अभी भी देश में विरोध जारी है। देश की कई हिस्सों में लोग इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।
शनिवार को तमिलनाडु में तौहीद जमात ने इस कानून के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी मुंबई में इस कानून के खिलाफ मार्च का आयोजन किया।
मुंबई के अलावा कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल में राजभवन तक महा रैली निकाली, जिसमें पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित विभिन्न नेताओं ने भाग लिया।
कर्नाटक के शिवमोग्गा में ईदगाह मैदान में नागरिकता संशोधन अधिनियम, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने भी नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ धरना दिया।