गडकरी ने रैली में कहा, ‘कोरोना संकट अब ज्यादा दिन तक नहीं रहेगा। हमारे वैज्ञानिक और दूसरे देशों के वैज्ञानिक इस महामारी की वैक्सीन विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि जल्द ही इस खतरनाक महामारी की वैक्सीन हमारे सामने होगी।’
वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत शांति और अहिंसा में विश्वास करता है और विस्तारवादी नीति अपना कर ताकतवर नहीं बनना चाहता।
उन्होंने कहा कि भारत चीन या पाकिस्तान की जमीन में रुचि नहीं रखता बल्कि केवल शांति चाहता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने रैली में कहा, ‘कोरोना संकट अब ज्यादा दिन तक नहीं रहेगा। हमारे वैज्ञानिक और दूसरे देशों के वैज्ञानिक इस महामारी की वैक्सीन विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि जल्द ही इस खतरनाक महामारी की वैक्सीन हमारे सामने होगी।’
वहीं, सीमा विवादों के मसले पर गडकरी ने कहा, हमारे देश के एक ओर पाकिस्तान है और दूसरी ओर चीन है। हम शांति और अहिंसा चाहते हैं। हमने कभी भी भूटान या बांग्लादेश की जमीन पर कब्जा जमाने की कोशिश नहीं की। हम पाकिस्तान या चीन की जमीन भी नहीं चाहते हैं। हम केवल शांति चाहते हैं।
वहीं, केंद्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने के संबंध में उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के मामलों को हल कर शांति लाना रही है।
उन्होंने कहा, चाहे यह माओवादियों की समस्या से निपटने की बात हो या पाकिस्तान प्रचारित आतंकवाद से… हमारी सीमा के एक ओर पाकिस्तान है तो दूसरी ओर चीन। हम शांति चाहते हैं हिंसा नहीं।
इस दौरान उन्होंने उपन्यासकार शिवाजी सावंत के प्रसिद्ध मराठी उपन्यास ‘मृत्युंजय’ का जिक्र करते हुए कहा कि शांति और अहिंसा केवल वही स्थापित कर सकते हैं जो मजबूत हैं।
गडकरी ने कहा, हमने कभी भूटान की जमीन पर कब्जे की कोशिश नहीं की। हमारे देश ने शेख मुजीबुर रहमान को 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के बाद बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनाया था और हमारे सैनिक वापस लौट आए थे।