नई दिल्ली : देश के नागरिकों का समर्थन प्राप्त ना होने के बाद राहुल गांधी अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी राजनीतिक पीड़ा व्यक्त कर रहें है। यह बात सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। स्मृति यहां उन टिप्पणियों का जवाब देने के लिए मौजूद थीं, जो कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी-बर्कले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने की थी। उन्होंने कहा कि पीएम पर तंज कसना राहुल गांधी के लिए नई बात नहीं।
बता दें कि अमेरिका में राहुल ने यह बयान दिया है कि साल 2014 में कांग्रेस इसलिए हारी क्योंकि साल 2012 में कांग्रेस घमंडी हो गई थी। इस पर स्मृति ने कहा कि यह कहना कि कांग्रेस, सोनिया गांधी की अध्यक्षता में घमंडी हो गई थी, यह अपने आप में हार की स्वीकार है। उन्होंने कहा कि एक असफल राजवंश ने आज अमेरिका में अपनी असफल राजनीतिक यात्राओं के बारे में बात करने का फैसला किया था। स्मृति ने कहा कि राहुल अगर सक्षम होते तो जीएसटी कांग्रेस के शासनकाल में ही पास हो जाता।
स्मृति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि ये वो लोग हैं जो संघर्ष के रास्ते इस मुकाम तक पहुंचे। राहुल गांधी अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का हाल बयां कर रहे हैं लेकिन वह भूल गए कि वोटर तो भारतीय ही हैं। स्मृति ने कहा कि इस बात का जिक्र करना कि कांग्रेस घमंडी हो गई और कांग्रेस चुनाव हार गई ऐसा कहकर राहुल गांधी ने खुद सोनिया गांधी पर ही सवाल उठाएं हैं। गौरतलब है कि राहुल ने अपने भाषण में कहा है कि ‘साल 2012 में कांग्रेस के अंदर काफी अहंकार आ गया था, जो कि गलत था। किसी भी दल को सत्ता में आने पर अहंकार नहीं होना चाहिए। कांग्रेस पार्टी की नीति संवाद के जरिए लोगों को साथ लेकर चलने की है। भारत में कोई भी दल सत्ता में 10 साल रहता है तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।’