उन्नाव: उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जज से कहा कि जांच में पीड़िता के आरोप सही पाए गए हैं। कुलदीप सिंह सेंगर ने 4 जून 2017 को पीड़िता के साथ रेप किया था। सीबीआई ने कहा कि शशि सिंह के साजिश में शामिल होने के आरोप भी सही पाए गए हैं।
बता दें, सोमवार को उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भारी सुरक्षा के बीच दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में लाया गया था। सीबीआई ने जज को बताया कि शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सिंह सेंगर के घर ले गया था। इस दौरान घर पर कोई मौजूद नहीं था। शशि पीड़िता को पीछे के दरवाजे से घर के अंदर ले गया। वहां जाते ही कुलदीप सिंह सेंगर पीड़ित का हाथ खींचते हुए कमरे के अंदर ले गया।
सीबीआई ने बताया कि पीड़िता ने ये बात सबसे पहले अपनी चाची को बताई थी। इसके बाद पीड़िता ने यूपी के सीएम को लेटर लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 12 जनवरी 2018 को पीड़िता की मां उन्नाव कोर्ट पहुंची। 3 अप्रैल को 2018 को पीड़िता के पिता दिल्ली से उन्नाव कोर्ट सुनवाई के लिए गए। पुलिस ने जांच रिपोर्ट लगाई की पीड़िता के आरोप गलत हैं और उसी दिन पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा गया। पिता को आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार करवा दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 9 अप्रैल को जेल में पीड़िता के पिता की मौत हो गई।
पुलिस ने इस मामले में 12 अप्रैल को 2018 को केस दर्ज किया। इसके बाद मामला सीबीआई के पास आया। सीबीआई ने बताया कि इस मामले में उन्होंने लखनऊ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। जांच में पाया गया कि 4 जून 2017 को रेप वाली बात है सही है। धारा 120B ,363, 366, 376, 506, 2 और 3 पोक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट पेश की गई है। सीबीआई का कहना है कि इस केस में कोई चश्मदीद नहीं मिला, लेकिन बाकी सबूत ये साबित करते हैं अपराध हुआ है। पीड़िता और उसकी मां ने सीआरपीसी 161 और 164 में पूरा बयान दिया है।
वहीं, दूसरी ओर सेंगर के वकील ने डिस्चार्ज एप्लिकेशन लगाते हुए कहा कि ये केस दुर्भावना से और गलत आरोपों के आधार पर किया गया। सीबीआई जिन दस्तावेजों के आधार पर बहस कर रही है, उन के आधार पर केस नहीं बनता। सेंगर के वकील ने कहा कि 28 जून 2017 को पुलिस ने केस दर्ज किया था। पीड़िता ने बयान दिया था कि आरोपी लड़के की मां ने बुलाया था। फिर, कानपुर में 2 लड़कों ने मेरे साथ रेप किया। इसके बाद उसे 60 हजार में बेच दिया। सेंगर के वकील दलील दी कि पीड़िता या उसकी मां ने एक साल के बाद केस क्यों दर्ज करवाया। सीबीआई के पास कोई भी मेडिकल और फोरेंसिक सबूत नहीं हैं।