नई दिल्ली: उन्नाव रेप पीड़िता की कार दुर्घटना में बुरी तरह घायल होने से पहले परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई रंजन गोगोई को पत्र लिखकर इस मामले में आरोपियों से अपनी जान को खतरे की आशंका जताई थी। न्यूज एजेंसी एनएनआई के मुताबिक, सीजेआई रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से इसपर रिपोर्ट मांगी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीजेआई रंजन गोगोई ने पूछा है कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता के परिवार द्वारा 12 जुलाई के लिखे पत्र को उनके सामने पेश करने में देरी क्यों हो रही है। ये चिट्ठी पीड़िता की मां, बहन और चाची ने लिखी थी। बता दें कि सड़क दुर्घटना में पीड़िता की चाची की मौत हो चुकी है, जबकि पीड़िता जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग भी की थी। 16 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, रेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर समेत 15 प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था। लेकिन रजिस्ट्री एडी के जरिए ये नोटिस 28 जून को भेजे गए। इसके बाद 18 जुलाई को वकालतनामा दाखिल किया गया, हालांकि, जांच एजेंसी की तरफ से कोई हलफनामा दायर नहीं किया गया।
वहीं, योगी सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने रायबरेली में उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद प्रदेश के गृह विभाग ने घटना के दूसरे दिन सोमवार को सीबीआई जांच की सिफारिश करते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया था। केंद्र सरकार ने मंगलवार को प्रदेश सरकार का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया। पीड़िता के चाचा ने योगी सरकार से इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।