लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र के पहले दिन आज दोपहर में शुभ मुहूर्त में 12 बजकर 10 मिनट पर उत्तर प्रदेश के सीएम के सरकारी बंगले 5 कालिदास मार्ग में प्रवेश किया। योगी के लिए बंगले का सारा फर्नीचर और सामान निकाल कर बिल्कुल खाली कर दिया गया था और बंगले को अंदर से सफेद रंग से पेंट किया गया। सारे दरवाज़ों पर नया रंगरोगन किया गया है। अखिलेश यादव ने सीएम बंगले के लिविंग रूम में अपने निजी लेदर के सोफे और बेडरूम में अपना निजी डबल बैड लगा रखा था, जिसे बंगला खाली करते वक्त वे अपने साथ ले गए. इसके पहले यहां रहने वाली मायावती लेदर के सोफे इस्तेमाल करती थीं। चूंकि योगी लेदर के फर्नीचर पर नहीं बैठते, इसलिए उनके लिए लकड़ी का तख्त और लकड़ी की कुर्सियां लगाई गई हैं।
योगी को जानने वालों का कहना है कि जल्द ही सीएम आवास में गोरखनाथ की मूर्ति भी लाई जाएगी। गोरखनाथ 11वीं सदी में नाथ संप्रदाय के संत थे। उनके नाम पर ही गोरखपुर में गोरक्षा पीठ है जिसके योगी आदित्यनाथ महंत हैं।
इसके पहले 20 मार्च को सीएम आवास में गोरखपुर से बुलाए गए 7 पुरोहितों ने कई घंटे पूजा-अर्चना की थी, जिसमें योगी भी शामिल हुए थे। इस दौरान सीएम बंगले के हर दरवाजे पर ओम और स्वास्तिक के निशान बनाए गए थे और बंगले की छत की रेड सैंड स्टोन की जालीदार रेलिंग भगवा रंग के कपड़ों से सजाई गई थी। उस रोज बंगले के हर गेट पर गंगाजल का छिड़काव किया गया था, जिसके लिए कहा गया कि योगी के रहने से पहले बंगले का शुद्धिकरण किया गया। इसे लेकर सियासी बयानबाज़ी भी हुई। अखिलेश यादव ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि जब 2022 में उनकी सरकार आएगी तो वे सीएम रेसिडेन्स को फायर टेंडर में गंगाजल भरकर शुद्ध करेंगे और पटना में लालू यादव ने आरोप लगाया कि चूंकि अखिलेश पिछड़ी जाति से हैं इसलिए योगी ने बंगले का शुद्धिकरण किया है।
गौरतलब है कि आजम खान की विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित सफेद रंग का आलीशान सरकारी कोठी को अब उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को अलॉट कर दिया गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री आवास के बगल में कालीदास मार्ग पर 7 नंबर का बंगला जिसमें शिवपाल यादव रहा करते थे उसे उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य को दिया गया है। राजाभैया के बंगले में कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही रहेंगे। वह कई कैबिनेट मंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं।