लखनऊ : उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बेटे योगेश मौर्य विकास कार्यों का जायजा लेने सिराथू विधानसभा क्षेत्र के चमरूपुर पहुंचे थे। इस दौरान योगेश मौर्य को ग्रामीणों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। गांव वालों ने इस दौरान विकास कार्य न होने का हवाला देते हुए भाजपा विधायक के प्रति नाराजगी जाहिर की।
ग्रामीणों का कहना था कि नगर पालिका में शामिल होने के बाद से विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें न तो प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास मिल पा रहा है न ही शौचालय का लाभ मिल सका है।
ग्रामीणों ने शौचालय से लेकर नालियों की मरम्मत तक के मुद्दे को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पुत्र योगेश मौर्य ने ग्रामीणों को समझाया और आश्वस्त किया कि उनकी सारी समस्याएं जल्द दूर की जाएंगी। योगेश मौर्य ने कहा, ”व्यक्तिगत समस्याएं हो सकती हैं और उसमें थोड़ा चायल विधायक ने पक्षपात किया होगा, इसको मैं मानता हूं।”
ग्रामीणों से बात करते हुए योगेश मौर्य ने कहा, ”मैं अपने साथ अधिकारियों को लेकर लाया हूं ताकि वे यहां की स्थिति को देख सकें।” उन्होंने ग्रामीणों को भाजपा के शासन में कौशाम्बी में कराए जाने वाले विकास कार्यों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि इस इलाके में सर्किट हाउस है, यहां मेडिकल कॉलेज भी है और जो भी विकास के काम हो रहे हैं या होने हैं, उनके द्वारा ही हो रहे हैं।
योगेश मौर्य ने ग्रामीणों से कहा कि उनकी जो भी शिकायतें हैं, वे जनता दर्शन में लेकर आएं। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने ऐप्लिकेशन दिए हैं, इस पर मौर्य ने कहा कि मुझे तो आप लोगों ने कोई ऐप्लिकेश नहीं दिया।
हालांकि, ग्रामीणों के आरोप पर चायल विधायक संजय गुप्ता ने कहना था कि चमरूपुर गांव उनके इलाके में नहीं आता है, यह सिराथू विधानसभा क्षेत्र में आता है। संजय गुप्ता ने कहा कि जो क्षेत्र उनके इलाके के अंतर्गत नहीं आता है। वहां वह चाह कर भी कोई विकास कार्य नहीं करा सकते हैं।