नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदाताओं से किये वादों में भाजपा द्वारा एक वादा किसानों के क़र्ज़ माफ़ी का था लेकिन किसानों की क़र्ज़ माफ़ी को लेकर एक रिपोर्ट में बैंकों को भारी नुकसान उठाने का अनुमान है जिहां उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी से बैंकों को 27420 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
इस संबंध में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि यूपी सरकार कर्जमाफी के फैसले पर आगे बढ़ती है तो बैंकों को नुकसान होगा। साथ ही अन्य राज्यों का वित्तीय गणित भी गड़बड़ा जाएगा। बता दें कि चुनाव से पहले प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने सरकार बनने की अवस्था में लघु और सीमांत किसानों के कर्जमाफी की बात की थी। रविवार को बीजेपी सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ सीएम बने हैं।
रिपोर्ट में क्या है
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट सोमवार को सामने आई. इसमें बताया गया है कि किसानों के ऊपर 86,241.20 करोड़ का यूपी में बकाया है। 2016 के आंकड़े के मुताबिक, औसतन देनदारी 1.34 लाख रुपए है।
यूपी की क्या है हालत?
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी की बात करें तो 27,419.70 करोड़ कर्जमाफी करना होगा। ये लोन सभी बैंकों ने लघु और सीमांत किसानों को दिए हैं। आर्थिक सामाजिक और जातिगत जनगणना के मुताबिक यूपी में 40 फीसदी लोग कृषि में लगे हुए हैं। जमीन की बात की जाए तो 92 फीसदी होल्डिंग लघु और सीमांत किसानों के पास है।
रेवन्यू में आएगी कमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी सरकार का कुल रेवन्यू 2016-17 में 3,40,255.24 करोड़ रहा है। और अगर 27,419.70 करोड़ इससे निकाल दिया जाएगा तो यह कुल रेवन्यू का 8 फीसदी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जन धन स्कीम के चलते यूपी में ज्यादातर लोगों के बैंक अकाउंट खुल गए हैं। लेकिन इसमें से कुछ ही हैं जो किसानी करते हैं या फिर किसानी में बैंकिंग का फायदा लेते हैं। [एजेंसी]