लखनऊ- कल संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गए आम बजट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में काफी नाराज़गी देखि गई ! इसी मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा संसद में पेश आम बजट में उत्तर प्रदेश की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट में लेकिन सूबे को उसकी आबादी के लिहाज से जरूरी धन नहीं दिया गया ! हालांकि अभी विधानमंडल से बजट पास होना बाकी है।
‘‘आम बजट में उत्तर प्रदेश के हितों की अनदेखी की गई है ! प्रदेश की आबादी के लिहाज से उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है ! यह बजट दिशाहीन और गरीब विरोधी है !’’ उन्होंने कहा है कि बजट में आगरा-लखनउ एक्सप्रेस-वे सहित प्रदेश की अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी जरूरतों के लिए भी बजट में कोई व्यवस्था नहीं की गई है !
ज्ञात हो कि विशेषज्ञों के मुताबिक केंद्रीय बजट से फौरी तौर पर यूपी को फायदा के बजाय नुकसान ज्यादा होने जा रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में 2015-16 का बजट पुनरीक्षित किया है जिससे चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी 3340 करोड़ रुपये कम हो गई है।
राज्य सरकार द्वारा विधानमंडल में पेश किए गए सूबे के 2016-17 के बजट पर भी इसका असर पड़ेगा। बजट में घोषित नई योजनाओं पर भी इसका प्रभाव नजर आ सकता है।
केंद्र ने 2015-16 के बजट में केंद्रीय करों से प्रदेश की हिस्सेदारी 94,313 करोड़ रुपये तय की थी, लेकिन 2016-17 के बजट के साथ केंद्र ने 2015-16 का बजट पुनरीक्षित कर दिया है।
इससे यूपी की हिस्सेदारी 94,313 करोड़ रुपये से घटकर 90,973 करोड़ रह गई है। इसके अलावा केंद्र ने 2016-17 में यूपी का आवंटन 1,02,650 करोड़ करने की बात कही है जो 2015-16 के मूल बजट से मात्र 1.84 फीसदी ज्यादा है।
रिपोर्ट- शाश्वत तिवारी