उत्तर प्रदेश सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाप सख्त कानून लाने की तैयारी में है।
मंत्री के मुताबिक, मॉब लिंचिंग में पीड़ित की मौत होने के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा दिलाई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे।
गाजीपुर जिले के प्रभारी मंत्री बृजेश पाठक शनिवार को गाजीपुर पहुंचे। यहां एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ‘मॉब लिंचिंग के खिलाफ जल्द की कड़ा कानून लाया जाएगा।
मॉब लिंचिंग में पीड़ित को हल्की चोट आने पर दोषी को सात साल की सजा, गंभीर चोट आने पर 10 साल की सजा और पीड़ित की मौत हो जाने पर दोषी को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान रखा जाएगा।’
उन्होंने यह भी कहा कि मॉब लिंचिंग में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिजन को पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जाएगी।
प्रदेश के कानून मंत्री के मुताबिक, ऐसी घटनाओं में जिले के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी भी जिम्मेदार होंगे।
आपको बताते चलें कि पिछले कुछ दिनों में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बाद राज्य विधि आयोग ने प्रदेश सरकार को कानून बनाने की सलाह दी थी।
आयोग की सचिव सपना त्रिपाठी ने कहा, ‘ऐसी घटनाओं के मद्देनजर आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए भीड़ तंत्र की हिंसा को रोकने के लिए राज्य सरकार को विशेष कानून बनाने की सिफारिश की है।’
मुख्यमंत्री को सौंपी गई 128 पन्नों वाली इस रिपोर्ट में राज्य में भीड़ तंत्र द्वारा की जाने वाले हिंसा की घटनाओं का हवाला देते हुए जोर दिया है कि हाई कोर्ट के 2018 के निर्णय को ध्यान में रखते हुए विशेष कानून बनाया जाए।
आयोग का मानना है कि भीड़ तंत्र की हिंसा को रोकने के लिए वर्तमान कानून प्रभावी नहीं है, इसलिए अलग से सख्त कानून बनाया जाए।