लखनऊ – MLC चयन पर रोक के बाद अब टीचरो को मिलने वाले राष्ट्रीय एवम राज्य पुरुस्कारों की लिस्ट में एक अपराधिक डकैती के मामले में विचाराधीन जेल काट चुके शिक्षक नेता का नाम शामिल। इस पुरे प्रकरण की फाइल प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के पास पहुंच चुकी है।
सपा सरकार ने अपराधिक मामलों के आरोपी सैफई के शिक्षक जबर सिंह यादव का नाम राष्ट्रपति पुरूस्कार के लिए प्रेषित किया है। इटावा के सैफई में तैनात शिक्षक जबर सिंह यादव पर कई अपराधिक मामले दर्ज है। इन पर हत्या का प्रयास तथा एस.सी./एस.टी. एक्ट जैसे कई अपराधिक मामले दर्ज है। इनके नौकरी से भी बर्खास्त किया जा चुका है। बहाली के बाद से आज तक विवादित है। इनका नाम राष्ट्रपति पुरूस्कार के लिए संस्तुति करना न केवल शिक्षक समुदाय का अपमान है बल्कि राष्ट्रपति पुरूस्कार का भी अपमान है।
राष्ट्रपति पुरूस्कार के लिए जो प्रोफार्मा है उसके मुताबिक अच्छा शैक्षिणक तथा शिक्षक का रिकार्ड भी अच्छा होना चाहिए। शिक्षक का चरित्र प्रमाणपत्र यह सिद्ध करता है कि वो बेदाग है। इस नाम को भेजने के मामले में सब नियमों को धता बता दिया गया। विद्यालय के प्रति समर्पण इतना है कि इनके सैफई स्थित स्कूल में 4 अध्यपकों पर मात्र 16 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है।
अभी एम.एल.सी. के मनोनयन में भी ‘दाग अच्छे है’ की तर्ज पर इसी तरह के लोगों के नामॉ की संतुति सपा सरकार और उसके मुखिया ने की। अध्यायपकों के लिए राष्ट्रपति पुरूस्कार से सम्मानित होने वालो में अपराधी व्यक्ति का नाम संस्तुति करने का प्रदेश भाजपा ने पुरजोर विरोध किया हैं। पार्टी प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि सपा सरकार भ्रष्टाचार तथा फर्जीवाडे को रोकने में नाकामयाब है। सरकार में बड़े पैमाने पर खेल जारी है।
रिपोर्ट :-शाश्वत तिवारी