शाहजहांपुर : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती के ऊपर लगे रेप के आरोप को शासन ने वापस लेने का निर्णय लिया है। शासन अब इस केस को वापस लेने के लिए न्यायलय मे दस्तावेज पेश करेगा। सिटी मजिस्ट्रेट के आफिस से जारी हुआ एक लेटर इस बात की तस्दीक कर रहा है। आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द पर उनकी ही शिष्या ने रेप की धाराओं समेत कई गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कराया था। फिलहाल अब देखना होगा कि आगे न्यायलय का क्या फैसला होगा।
दरअसल, 7 साल पहले पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती के ऊपर उनकी ही एक शिष्या ने बलात्कार समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण मीडिया मे भी काफी उछला था। हालांकि पीडिता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया था। लेकिन स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती की गिरफ्तारी नहीं की थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। इस हाई प्रोफाइल केस मे कई विवेचक भी रहे, लेकिन पीड़िता ने सभी विवेचकों पर भरोसा करने इंकार कर दिया। उसके बाद पीड़िता के आग्रह पर इस केस को बदायूं ट्रान्सफर कर दिया था। गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज होने के बाद भी स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी है। राजनीति मे उनका बडा कद रहा है यही वजह थी कि पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी नहीं की थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी होने का फायदा उनको मिल जाएगा। क्योंकि राज्य सरकार उनके उपर लगे बलात्कार के केस को वापस लेने का निर्णय कर लिया हैं।