लखनऊ: विधायकों के वेतन भत्ते व अन्य सुविधाओं के बारे में स्थायी व्यवस्था किये जाने के संदर्भ में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में सदन की एक सर्वदलीय उपसमिति गठित कर दी जाये। जिसमें सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से विधायकों के वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाओं के संबंध में सस्तुति की जाये जिसके अनुपालन के लिए निर्णय लिया जा सके।
विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन में विधायकों की ओर से वेतन भत्ते और पेंशन व अन्य सुविधाएं बढ़ाने की मांग करते हैं और जब सरकार निर्णय ले लेती है तो विपक्षी दल के लोग बाहर जाकर कहते हैं कि हमने इसकी मांग तो की ही नहीं थी। इस स्थिति का निराकरण करने के लिए सदन की सर्वदलीय उपसमिति गठित के माध्यम से विधायकों की सुविधाओं के बारे में निर्णय लिये जाने के बारे में कोई सदन के भीतर और बाहर सभी विधायकों की सर्वसम्मति की बात जनता में जायेगी। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री ने विधायकों की मांग को ध्यान में रखते हुए विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने विधायकों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्र के विभिन्न विभागों से जुड़े विकास कार्यों को दे दें, जिससे विकास कार्य कराने में आसानी होगी। विनियोग विधेयक पारित होने के साथ विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने तीन साल की उपलब्धियों के सम्बन्ध में एक पुस्तिका प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। इस पुस्तिका के लिए सदन के सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्रो के विकास कार्यों से सम्बंधित उपलब्धियों को 15 मार्च तक उपलब्ध करा दें जिससे सरकार जनपदों के विधानसभावार हुए कामों की जानकारी इस पुस्तिका में शामिल कर सके। इस पुस्तिका की मदद से सभी विधायकगण अपने कार्यों को जनता के बीच पहुंचा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने सदन समाप्ति से पहले विधानमंडल से सम्बंधित सभी कर्मचारीगणों को 11500 रुपये की राशि पुरस्कार स्वरुप दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दलीय नेताओं की एक कमेटी बननी चाहिए कि हम संसदीय प्रणाली को और समृद्ध कैसे हो, संसद की तर्ज पर सदन को कैसे और व्यवस्थित तरीके से चलाया जा सके। देश के सबसे बड़े विधानमंडल में दलीय नेताओं को तो बोलने का अवसर मिल जाता है, परन्तु नए सदस्य रह जाते हैं। जबकि उनके पास भी वे जिस क्षेत्र से आये हैं, उनका अपना वहां को लेकर एक अनुभव है, हमे इसका लाभ लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के लिए सदन के अन्दर मौजूद रहे सदस्यों का आभार जताया।
मुख्यमंत्री जब बोल रहे थे तब मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्य, नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी मुंह पर पट्टी बांध कर बैठे थे। इस पर मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि सत्त विकास के लक्ष्यों पर जब विशेष सत्र हुआ था, तब जो अनुपस्थित रहे उन्हें पछतावा हुआ। आज भी जो मुंह पर पट्टी बांधे बैठे हैं, वे पछतायेंगे।
उन्होंने कहा कि हम प्रदेश की जनता को नल से पेयजल उपलब्ध कराने की कार्यवाही कर रहे है। विध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पाइप लाइन से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 15 हजार करोड़ रूपये स्वीकृत किया है। अगले दो साल में पूरे प्रदेश में ऐसी व्यवस्था लागू करने की योजना है। पाइपलाइन से जल उपलब्ध कराने के लिए एक एजेन्सी को पूरी जिम्मेदारी दी जायेगी।
@शाश्वत तिवारी