अमेठी : सोचिए, उस विद्यार्थी का भविष्य क्या होगा जो स्कूल में जाता तो पढ़ाई करने है, लेकिन उससे वहा सफाई करवाई जाए। ऐसा ही नजारा अमेठी जनपद अंतर्गत मुसाफिरखाना के प्राथमिक विद्यालय भनौली में सामने आया है। यहा कर्मचारियों की मनमानी और कमी का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है और बाकायदा अध्यापक महोदया के मार्गदर्शन में स्कूल की सफाई विद्यार्थियों से करवाई जा रही है।
भनौली गाव के प्राथमिक विद्यालय में नजारा सामान्य नहीं था भनौली गॉव के सरकारी प्राथमिक स्कूल में विद्यार्थियों से झाडू लगवाई जा रही है। स्कूल में कई दिनों से विद्यार्थी झाडू लगाते दिख रहे है। हर दिन प्रार्थना के पहले तो कभी मध्याह्न भोजन के बाद उनसे सफाई करवाई जा रही है विद्यार्थियों से सफाई कराने के कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जनपद में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों से काम करवाना आम बात हो गई है कुछ स्कूलों में बच्चों से सफाई करवाई जाती है। तो कुछ में बच्चों से बाजार से सामान खरीद कर स्कूल तक पहुंचाया जाता है इन्ही कारणों के चलते अभिभावकों का विश्वाश आज सरकारी विद्यालय के प्रति कम होता जा रहा है।
स्कूलों की साफ-सफाई को लेकर भी अधिकारी बेबाकी से निर्देश जारी कर रहे हैं लेकिन अफसोस उनकी ओर से इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी गई है कि आखिर स्कूलों सफाई का जिम्मा किसके सिर है स्थिति यह है कि स्कूलों में पढ़ाई के लिए पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं को किताब खोलने से पहले झाडू उठाना पड़ता है स्कूल में कक्षा और परिसर की सफाई के बाद छात्रों की पढ़ाई शुरू हो पाती है ।
रिपोर्ट@राम मिश्रा