लखनऊ : यूपी में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जा सकती है। प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि जो लोग सुनियोजित तरीके से ऐसे पोस्ट कर रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ सबूतों के आधार पर रासुका जैसी कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
वहीं, डीजीपी के इस आदेश के बाद यूपी पुलिस ने सांप्रदायिक सद्भाव भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यूपी पुलिस ने पिछले 24 घंटे में 14 केस दर्ज किए हैं। यूपी पुलिस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। यूपी पुलिस के मुताबिक, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश को नाकाम करने के लिए 67 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है।
.@dgpup द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में सोशल मीडिया के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने की चेष्टा करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही। #UPPolice pic.twitter.com/upt1H9Be0k
— UP POLICE (@Uppolice) October 20, 2019
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ 14 मामले दर्ज किए गए हैं। यूपी पुलिस ने इस संदर्भ में ट्वीट किया है कि ऐसी कोशिश करने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यूपी पुलिस सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर रख रही है। डीजीपी मुख्यालय के मुताबिक, बीते कुछ दिनों में ऐसे पोस्ट सामने आए हैं जिसके जरिए लोकव्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द को खराब करने की कोशिश की गई है।
लखनऊ में साइबर क्राइम यूनिट ने चार, प्रयागराज और औरेया में 2-2, हरदोई, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, देवरिया और हमीरपुर में एक-एक मामला दर्ज किया है। यूपी पुलिस ने कहा है कि ऐसे मामलों में रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या और अयोध्या भूमि विवाद पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए यूपी पुलिस ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश को नाकाम करने के लिए ये कदम उठाया है।