लखनऊ – प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनावों में हो रही हिंसा की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पंचायत चुनावों को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने में राज्य निर्वाचन आयोग व राज्य सरकार के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे है।
पंचायत चुनावों में तनाव व हिंसा की आशाकाएं पहले से ही व्यक्त की जा रही थी। जिलों की पुलिस और जिला प्रशासन ही स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मुस्तेद नहीं था। राज्य र्निवाचन आयोग व राज्य सरकार होनों की संयुक्त जिम्मेदारी थी कि संवेदनशील व तनावपूर्ण र्निवाचन बूथों पर सुरक्षा की व्यवस्था चाकचैबन्द रखने की पूरी व्यवस्था करते।
अपर्याप्त सुरक्षा प्रबन्ध तथा पंचायत चुनाव की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों का आंकलन कर ऐसे तत्वों पर कड़ी निगाह व कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए के जिनसे चुनाव में हिंसा की आशंका थी। लखनऊ के उमरावल, रहीमाबाद तथा मलिहाबाद के कनार, गोण्डा के फिरोजपुर, बहराइच के हुजूरपुर विकासखंड के बनपुरवा सुल्तानपुर के कौडि़हार फैजाबाद के फेलसंड़ा सीतापुर के उमरिया तथा बाराबंकी में कई जगह विवाद में कहीं फायरिंग हुई तो कही लाठीडंडा व पथराव की घटनाएं सामने आयी उससे यह स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा संवेदनशील मतदान स्थलों के सुरक्षा प्रबन्धों में पर्याप्त सर्तकता नहीं बरती गयी।
राज्य निर्वाचन आयोग से व आगामी चरणों के पंचायत चुनाव के लिए संवेदनशील मतदाता स्थलों का आकंलन कर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। ताकि चुनाव शांतिपूर्ण ढ़ग से बिना सत्ता व दंबगई के दबाव में सम्पन्न हो सके।
रिपोर्ट :- शाश्वत तिवारी