लखनऊ- देश में एक तरफ साहित्यकारों के अवार्ड लौटाने का सिलसिला जारी है। वहीं, दूसरी ओर शायर मुनव्वर राना के पाला बदलने का दौर जारी है। पहले अवार्ड लौटाने से मना करने वाले मुनव्वर राना ने अचानक एक टीवी शो में जाकर साहित्य अकादमी अवार्ड वापस कर दिया था।
इसके बाद पीएम मोदी के बुलावे पर भावुक हुए मुनव्वर का कहना है कि यदि मोदी कहेंगे तो वे अवार्ड वापस ले लेंगे। गुरुवार को उन्होंने कहा कि पीएम कहेंगे तो अवार्ड वापल ले लूंगा। पीएम को जहमत भी नहीं दूंगा।
किसी के भी हाथों से ले लूंगा। सत्ता और ईनाम का शौक नहीं है। सत्ता मेरे शहर की नालियों में बहती है। पीएम से कहूंगा कि वे अपने पास सिर्फ खुशामत करने वाले नहीं रखें। उनके पास नौ रत्न होंगे, लेकिन इनमें एक साहित्यकार भी होना चाहिए। मोदी बड़े भाई की हैसियत से कहेंगे तो उनका जूता भी उठा लूंगा।
साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाते वक्त मुनव्वर राना ने कहा था कि वे अब से कोई सरकारी कभी सम्मान नहीं ग्रहण करेंगे। उनका कहना था कि आजकल जो देश में माहौल पैदा किया जा रहा है, वह खतरनाक है।
इससे सांप्रदायिक ताकतों को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा साहित्याकारों के प्रति साहित्य अकादमी की बेरुखी जगजाहिर है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि साहित्यकारों को किसी पार्टी से न जुड़े। साहित्यकारों का सम्मान बेहद जरूरी है।