मुंबई- रघुराम राजन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक में 24वें गवर्नर का पद संभालने जा रहे उर्जित पटेल अपनी उन व्यावसायिक और शैक्षणिक योग्यताओं के लिए सम्मानजक छवि रखते हैं जो उनके नए रोल को सफलतापूर्वक चलाने के लिए जरूरी मानी जाती है। जुलाई 2013 को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था और इस साल जनवरी में उनका कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाया गया था।
रिजर्व बैंक के भीतर उर्जित पटेल के बारे में कहा जाता है कि वह बड़ी मीटिंग और मुलाकातें करने से बचते हैं। उनकी यह ‘आदत’ उनके पहले के डिप्टी गवर्नरों से अलग है जोकि अक्सर जनता से जुड़े कार्यक्रमों में व्यस्त रहते थे। वह भाषणादि भी कम देते हैं और वह मीडिया में इंटरव्यू देने में भी उनकी दिलचस्पी कम रहती है। आमतौर पर ‘निर्जन’ या कहा जा सकता है कि एकांत में काम करते हैं और कई बार तुनकमिजाज भी करार दिए जाते हैं।
रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर बनने जा रहे उर्जित पटेल लंदन स्कूल इकोनॉमिक्स से स्नातक हैं। फिर उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम. फिल और येल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र से पीएचडी की। पटेल के पास दो दशक का ऊर्जा, बुनियादी ढांचों और वित्त क्षेत्र में कार्यों का अनुभव है। आईबीआई के अलावा वह बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी काम कर चुके हैं।
डॉक्टर पटेल की सरकारी अधिकारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। नई भूमिका में ये और बेहतर हो सकते हैं। जबकि, डॉक्टर रघुराम राजन पीएम मोदी की भारतीय जनता पार्टी के कुछ सदस्यों के निशाने पर अक्सर रहे। उर्जित पटेल के साथ काम कर चुके आरबीआई के एक अन्य सीनियर अधिकारी ने कहा- वह काफी भावुक हैं और सरकार की नाराजगी को लेकर व्यावहारिक और समझदारीपूर्ण रवैया अपनाते हैं।
डॉक्टर पटेल डॉक्टर राजन की तरह निवेशकों के बीच अच्छी साख रखते हैं। रघुराम राजन के करीबी सहयोगी माने जाने वाले पटेल को महंगाई के खिलाफ मोर्चा संभालने वाले राजन के मजबूत सिपाही के तौर पर जाना जाता है। वह समिति के अध्यक्ष रहे हैं, जिसने थोक मूल्यों की जगह खुदरा मूल्यों को महंगाई का नया मानक बनाए जाने सहित कई अहम बदलाव लाए।