वाशिंगटन- अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एफ-16 फायटर जेट बेचे जाने के फैसले पर भारत ने गहरी नाराजगी जताई थी और साथ ही भारत में अमेरिका के राजदूत को तलब किया गया था ! इसी मामले में भारत और शीर्ष अमेरिकी सांसदों की ओर से हो रहे कड़े विरोध के बीच विदेश मंत्री जॉन केरी ने आज इस फैसले का जोरदार ढंग से बचाव किया !
जॉन केरी ने कहा कि ये लड़ाकू विमान आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई का एक ‘अहम’ हिस्सा हैं। कांग्रेस की सुनवाई के दौरान केरी ने सांसदों को बताया, ‘‘एफ-16 विमान पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तानी लड़ाई का एक अहम हिस्सा रहे हैं और ये विमान उस लड़ाई में प्रभावी भी रहे हैं। पाकिस्तान ने पिछले वर्षों में सैनिकों समेत लगभग 50 हजार जानें उन आतंकियों के हाथों गंवाईं हैं, जो खुद पाकिस्तान के लिए खतरा बने हुए हैं।’’
पाकिस्तान को एफ-16 विमानों की प्रस्तावित बिक्री पर अपनी चिंता जाहिर करने के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेस सदस्य एमी बेरा भी जब अन्य सांसदों के साथ मिल गए तो केरी ने कहा, ‘‘यह हमेशा जटिल है। निश्चित तौर पर हम भारत के संदर्भ में संतुलन के प्रति संवेदनशील होने की कोशिश करते हैं। लेकिन हमें लगता है कि एफ-16 विमान पाकिस्तान की ऐसा कर पाने की क्षमता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।’’
केरी ने कहा कि अमेरिका संबंध को बनाने के लिए वाकई बहुत मेहनत कर रहा है और वह भारत एवं पाकिस्तान के बीच ‘‘सामंजस्य की भी कोशिश कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे प्रोत्साहन देते हैं। मुझे लगता है कि दोनों नेताओं की ओर से वार्ताओं में शामिल होने का साहस दिखाया जाना चाहिए।’’
अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने कहा, ‘‘हम ऐसी चीजें नहीं करना चाहते, जिनसे संतुलन बिगड़े। लेकिन हमारा मानना है कि पाकिस्तान अपने पर खतरा पैदा करने वाले और पहचाने जा सकने वाले आतंकियों के खिलाफ बेहद कड़ी लड़ाई में लगा हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने अपने देश के पश्चिमी हिस्से में 1.5 लाख से 1.8 लाख सैनिक तैनात किए हैं। वे उत्तरी वजीरिस्तान में इस इलाके से आतंकियों के सफाए और लोगों को निकालने के लिए लंबे संघर्ष में लगे रहे हैं। उन्होंने इसमें कुछ प्रगति की है। क्या यह हमारे फैसले के लिए पर्याप्त नहीं है?’’
केरी ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि और भी ज्यादा काम किया जा सकता है। हम पाकिस्तान में मौजूद शरणस्थलियों को लेकर विशेष तौर पर चिंतित हैं और हम विशेष तौर पर उन कुछ तत्वों को लेकर भी चिंतित हैं, जो कुछ ऐसे लोगों का समर्थन करते हैं, जिन्हें हम अफगानिस्तान में या कहीं और हमारे हितों के लिए बेहद खतरनाक मानते हैं। हक्कानी नेटवर्क इसका प्रमुख उदाहरण है।’’ भारत ने पाकिस्तान को एफ-16 की बिक्री का विरोध करते हुए कहा है कि वह वाशिंगटन के इस तर्क से असहमत है कि हथियारों के इस प्रकार के हस्तांतरण से आतंकवाद से निपटने में मदद मिलेगी।
सदन की विदेश मामलों की समिति एवं कांग्रेस के सदस्य एलियट एंगेल ने कल कहा, ‘‘मुझे इस बात को लेकर चिंता है कि पाकिस्तान उस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अब भी दोहरा खेल खेल रहा है जिसका देश के भीतर सीधा असर है और वह आतंकवाद को भारत एवं अफगानिस्तान जैसे स्थानों पर समर्थन देता है। वह मानता है कि ऐसा करने की नीति उसके राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाती है।’’
वार्षिक बजटीय प्रस्तावों पर सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष अपनी बात रख रहे केरी से एंगेल ने पूछा, ‘‘तो हम इसके बारे में क्या कर रहे हैं? हमारी मदद किस तरह से हमारी इस उम्मीद को सहयोग देती या अवरूद्ध करती है कि पाकिस्तान ने सभी आतंकियों से लड़ना शुरू किया है।’’ भारत एवं भारतीय अमेरिकियों पर कांग्रेस की कॉकस के सह अध्यक्ष एवं कांग्रेस सदस्य एमी बेरा ने केरी से पाकिस्तान को एफ16 लड़ाकू विमान बेचे जाने के बारे में सवाल पूछा।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बिक्री किए जाने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। बेरा ने कहा, ‘‘एफ-16 विमानों की बिक्री के मुद्दे पर हमारे आगे बढ़ने से पहले पाकिस्तान को यह साबित करना होगा कि वह देश में सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने अब तक हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों के खिलाफ कार्रवाई की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई है। इसलिए मैं इस समय इस बिक्री का समर्थन नहीं कर सकता।’’ बेरा ने कहा, ‘‘यदि हम बिक्री करते भी हैं तो भी एफ16 की कीमत का भार अमेरिकी करदाताओं पर नहीं आना चाहिए। यदि पाकिस्तान विमान खरीदना चाहता है तो उसे उसकी कीमत अदा करनी चाहिए।’’