वॉशिंगटन : अमेरिका ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है कि उसने भारत के लिए 24 एमएच-60आर सीहॉक हेलीकॉप्टर्स की बिक्री को मंजूरी दे दी है। सीहॉक हेलीकॉप्टर, एक मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है जो समंदर की सतह पर जहाज और पनडुब्बियों को ट्रैक करने के अलावा इन पर जरूरत पड़ने पर हमला भी कर सकता है। इस डील से अलग यह बात भी काफी महत्वपूर्ण है कि अमेरिका और भारत दोनों देश फिर से कई अहम मिलिट्री डील्स को लेकर वार्ता करने वाले हैं।
अमेरिका की यूएस डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशरन एजेंसी (डीएससीए), जो विदेशी सेनाओं को अमेरिकी मिलिट्री उपकरणों की बिक्री पर नजर रखती है, उसकी ओर से कांग्रेस को बताया गया है कि इन हेलीकॉप्टर की बिक्री 2.6 बिलियन डॉलर की होगी। हेलीकॉप्टर के साथ भारत को दूसरे मददगार उपकरण और हथियार जैसे 10 हेलीफायर मिसाइल, 38 एडवांस्ड प्रीसीशन हथियार सिस्टम जैसे रॉकेट और 30 एमके 54 टॉरपीडोज भी मिलेंगे। डीएससीए का मानना है कि हेलीकॉप्टर की यह बिक्री अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी।
एजेंसी के मुताबिक भारत और अमेरिका के अलावा बड़े रक्षा साझीदारों के साथ इंडो-पैसेफिक और दक्षिण एशिया में रक्षा संबंधों को मजबूत करना राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक विकास के लिए काफी जरूरी है। इस बयान में यह भी कहा गया है कि सी हॉक हेलीकॉप्टर्स भारत को एंटी-सबमरीन वॉरफेयर मिशन और एंटी-सरफेस वॉरफेयर में भारत की क्षमता को बढ़ाएंगे। डीएससीए के मुताबिक इन हेलीकॉप्टर्स के बाद भारत क्षेत्रीय खतरों से निपट पाएगा और साथ ही घरेलू स्तर पर सुरक्षा को मजबूत कर सकेगा।
लॉकहीड मार्टिन की लॉकहीड मार्टिन रोटरी एंड मिशन सिस्टम्स इस डील का लीड कॉन्ट्रैक्टर होगी। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सौदे एक दशक पहले तक जीरो यानी न के बराबर थे लेकिन इस वर्ष इनके 18 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। अमेरिकी रक्षा विभाग की ओर से कांग्रेस को बताया गया है कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंध एतिहासिक गति से मजबूत हो रहे हैं। वर्तमान समय में रोमियो, यूएस नेवी का अहम हिस्सा है। इन हेलीकॉप्टर्स को दुनिया सबसे एडवांस्ड मैरीटाइम हेलीकॉप्टर समझा जाता है।
विशेषज्ञों की मानें तो यह सबसे क्षमतावान हेलीकॉप्टर है जो आज के समय में फ्रिगेट से लेकर डेस्ट्रॉयर्स, क्रूजर्स और एयरक्राफ्ट कैरियर्स तक से ऑपरेट हो सकता है। एमएच-60 के आने के बाद इंडियन नेवी घातक क्षमताओं से लैस हो सकेगी जिसे रक्षा विशेषज्ञ आज की सबसे बड़ी जरूरत बता रहे हैं। ये हेलीकॉप्टर्स सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन तक को अंजाम दे सकते हैं। यह हेलीकॉप्टर ब्रिटिश काल के सी किंग हेलीकॉप्टर्स की जगह लेंगे।