ताइवान के दक्षिणी जल क्षेत्र के ऊपर चीनी सेना ने एक बार फिर से रविवार को 16 लड़ाकू विमान उड़ाकर धमकाने का प्रयास किया। चीन अपनी इस गतिविधि से दुनिया के बड़े देशों को अपनी ताकत का एहसास करवाना चाह रहा है, लेकिन अब चीन की इस हरकत पर अमेरिका ने करारा जवाब दिया है। अमेरिका ने कहा कि हम ताइवान के सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता हैं और वहां की सरकार की पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता के लिए मदद करना जारी रखेंगे। अमेरिका ने कहा कि चीन की इस गतिविधि से हम रुकने वाले नहीं हैं। अमेरिका ने चीन से कहा कि वह ‘भड़काने वाली सैन्य गतिविधि’ को जल्द से जल्द रोके नहीं तो हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। अमेरिका ने अपने बयान में आगे कहा कि ताइवान के नजदीक इस तरह की सैन्य गतिविधि से क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को कमतर करने की कोशिश की जा रही है। बयान में कहा गया कि हम बीजिंग से अपील करते हैं कि वह ताइवान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव और दंडात्मक कार्रवाई रोके।
ताइवान में जारी है चीन की तानाशाही
बता दें कि चीन ने शुक्रवार को 38 और शनिवार को 39 लड़ाकू विमानों को ताइवान की ओर भेजा था जो पिछले साल सितंबर से चीन के लड़ाकू विमानों के उड़ान की जानकारी साझा करने की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन था। इसके अलावा रविवार रात भी चीन ने अपने 16 लड़ाकू विमानों को ताइवान के दक्षिणी जल क्षेत्र के ऊपर उड़ाया था।
ताइवान की आजादी का मतलब युद्ध : चीन
दूसरी ओर ताइवान ने अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है, जिसका चीन कई बार विरोध कर चुका है। चीन ने धमकी भी दी है कि ताइवान की आजादी का मतलब युद्ध है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। गृह युद्ध के बाद 1949 में दोनों अलग हो गए, ‘कम्युनिस्ट’ समर्थकों ने चीन पर कब्जा कर लिया था और उसके प्रतिद्वंद्वी ‘नेशनलिस्ट’ समर्थकों ने ताइवान में सरकार बनाई थी। कम्युनिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को अपने शासन की 72वीं वर्षगांठ मनाई।
क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालने की क्रूर हरकत: सुसेंग चांग
ताइवान के प्रधानमंत्री सुसेंग चांग ने चीनी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के बाद उसकी इस हरकत की निंदा की। उन्होंने कहा कि चीन पिछले एक साल से अधिक समय से ताइवान के दक्षिण में लगातार सैन्य विमान भेज रहा है। चीन ने हमेशा क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालने वाली क्रूर और निर्मम कार्रवाई की है।