अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले कुछ दिनों में भारत दौरा करने वाले हैं। लेकिन उनके दौरे से पहले अमेरिका से जो खबरें आ रही हैं वो ट्रंप के मित्र पीएम मोदी की चिंताएं बढ़ा सकती हैं।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत में धार्मिक उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी दिखाई गई है। अमेरिकी एजेंसी की इस रिपोर्ट में नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है। इतना ही नहीं भारत को अब टियर-2 श्रेणी डाल दिया गया है। इस टियर में उन देशों को रखा जाता है जहां धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विशेष चिंता रहती है।
Today, USCIRF released the following new factsheet on India’s Citizenship (Amendment) Act (CAA).
This factsheet provides an overview of the #CAA and explains why it represents a significant downward turn in religious freedom in #India.https://t.co/OiWVPUcqRL
— USCIRF (@USCIRF) February 19, 2020
अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट में कई ऐसे दावे किए गए हैं जो मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में धार्मिक उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषकर 2018 के बाद से ऐसे मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। कुछ राज्यों में धार्मिक स्वतंत्रता की बिगड़ती परिस्थितियों को उजागर किया गया है, लेकिन सरकारें इन्हें रोकने का प्रयास नहीं कर रही हैं।
अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट में पीएम मोदी पर भी सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी के सदस्यों का हिंदू चरमपंथी संगठनों संबंध रहा। इन नेताओं ने भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया, लेकिन पीएम मोदी ने उपद्रव कम करने वाले बयान नहीं दिए।
अमेरिकी एजेंसी ने धार्मिक उत्पीड़न पर रोक कैसे लगाया जाए इसको लेकर भी भारत सरकार को कई सलाह दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग भड़काऊ भाषण देते हैं उन पर रोक लगाई जाए, उन्हें कड़ी फटकार लगाई जाए। ताकी, वो आगे इस तरह के भाषा का इस्तेमाल न करें। पूजा स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने की फी सिफारिश की गई है। ऐसी घटनाओं के खिलाफ पुलिस एक्शन ले उसके लिए पुलिस को मजबूत करने की भी सलाह दी गई है।