नई दिल्ली– जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार व वामपंथी छात्र संगठनों ने मंडी हाउस से संसद मार्ग थाने तक मंगलवार को रैली निकाली। इसमें छात्र, शिक्षक, साहित्यकार, कलाकार व मुस्लिम संगठनों ने भाग लिया। जंतर-मंतर पर परिवर्तनवादी छात्र संगठन के बैनर तले किये प्रदर्शन में कन्हैया के निशाने पर पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे।
अपने भाषण में कन्हैया ने केंद्र सरकार की योजनाओं से लेकर जगह-जगह हुए दंगों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को ही जिम्मेदार ठहराया। अभी भले ही पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव के तारीखों की घोषणा हुई हो, लेकिन कन्हैया के निशाने पर अगले साल होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव रहा। उसने मुजफ्फरनगर दंगों के लिए भी मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और वहां कोई और दंगा नहीं होने के लिए भी चेताया।
कन्हैया ने मंच से भाषण में प्रधानमंत्री मोदी को उत्तर प्रदेश चुनाव में देख लेने की खुली चुनौती दी। कन्हैया ने कहा कि आप यूपी जाइए, पीछे-पीछे हम भी आ रहे हैं। जनता पूछेगी, अभी तक कहां थे तो हम बताएंगे कि यह जेएनयू में छात्रों को देशद्रोही बनाने में बिजी थे।
इस प्रदर्शन में बामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा भी पहुंचे। उन्होंने कन्हैया के भाषण का समर्थन करते हुए कहा कि हम केंद्र की तानाशाही नहीं सहेंगे। ज्ञात हो कि जेल में बंद JNU स्टूडेंट उमर खालिद और अनिर्बान की रिहाई को लेकर मंगलवार को एक मार्च निकाला । मार्च में ‘स्मृति हटाओ’ के नारे लगे। जेएनयू स्टूडेंट ने अपनी पांच मांगों को लेकर यह मार्च निकाला । स्टूडेंट यूनियन लीडर कन्हैया कुमार इस मार्च को लीड किया । इसको AISA ने ऑर्गनाइज किया है।