लखनऊ- यूपी में अखिलेश सरकार ने कैबिनेट ने फेरबदल कर भले ही मेकओवर की कोशिश की हो, लेकिन पंचायत चुनाव के नतीजे कुछ और ही कहानी बयान कर रहे हैं। रविवार को घोषित हुए प्रदेश के पंचायत चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने मंत्रियों, पदाधिकारियों और जान पहचान वालों को बड़े पैमाने पर टिकट दिया था, लेकिन इनमें से ज्यादातर को हार का सामना करना पड़ा है। अमरोहा सपा जिलाध्यक्ष विजय पाल सैनी की पत्नी चुनाव हार गई हैं। संभल के असमौली से सपा विधायक पिंकी यादव के पति भी चुनाव हार गए हैं। यहीं से सपा जिलाध्यक्ष फिरोज खां की पत्नी भी चुनाव हार गई हैं।
संभल के सांसद सत्यपाल सैनी की चाची चुनाव हार गई हैं। उन्हें बसपा के राज्यसभा सांसद की पत्नी ने हरा दिया है। कानपुर के चौबेपुर ब्लॉक से सपा विधायक मुनीन्द्र शुक्ला के भाई अपने ही गांव से बीडीसी का चुनाव हार गए हैं।
इधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा में कैबिनेट मंत्री महबूब अली की पत्नी और बेटा चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनकी भाभी को हार का सामना करना पड़ा हैं। उधर, कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर के साले नदीम की पत्नी हुस्ना पांच हजार वोट से आगे।
जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत की मतगणना के बाद क्षेत्र पंचायत के वार्ड 7 पर जीते और हारे दोनों प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र दे दिया गया। जब तहसील के कर्मचारियों ने अधिकारियों को सूचना दी, तब तक हारा हुआ प्रत्याशी प्रमाण-पत्र लेकर जा चुका था।
क्षेत्र पंचायत सदस्य के वार्ड 7 का परिणाम घोषित हुआ, जिसमें विजय कुमार को विजयी घोषित किया गया। कुछ देर बाद बालकिशन के विजयी होने की भी घोषणा माइक से कर दी गई और बालकिशन को भी जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया। तहसील के कुछ कर्मचारियों ने कहा कि इस पद पर विजय कुमार जीत का प्रमाण पत्र ले चुका है, तब तक बालकिशन प्रमाण-पत्र लेकर जा चुका था। अधिकारियों ने कहा कि बालकिशन के प्रमाण-पत्र को निरस्त किया जाएगा।