अमेठी- यूपी में बढ़ते अपराधो को देखते हुए अब तो लगता है कि सूबे के अति विशिष्ट जनपद अमेठी में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है और न ही पुलिस का भय अपराधियों के मन में रत्ती भर भी रह गया है। तभी तो आये दिन इस शांत फिजा वाले जनपद से होकर बह रही शारदा सहायक खण्ड 49 को अपराधिक तत्वों के द्वारा अपराधो को बेखौफियत से अंजाम देकर इस नहर को गुनाह दफन का माकूल दरिया बना लिया गया है आये दिन नहर में लाशो के बहने का सिलसिला जारी रहता है जिसके परिणाम स्वरूप बेक़सूर जनता को इस तरह के घटनाओं में अपनी जान गवानी पड़ रही है।
महिलाओ और युवतियों की भी प्रायः बह रही वही लाशे-
महिलाओं की सुरक्षा और उन पर होने वाले अपराधों को रोकने को लेकर देशभर के लोगों में उबाल है पर जनपद में खाकी का रवैया महिला अपराधों के प्रति संवेदनहीन बना हुआ है। कुछ राहगीरों ने गुरुवार की सुबह शारदा सहायक खण्ड 49 में मुसाफिरखाना के पास 2 नग्न शवो को बहते हुए देखा जिसे देखने पर दोनों में से एक लाश महिला की लग रही थी माना जा रहा है कि इनकी हत्या कर शवो को नहर फेंका गया।
पहले भी होती रही हैं शवों की दुर्दशा-
लोगो की माने तो जनपद पुलिस को लाशो कोे सीमापार कराने में महारत हासिल है पहले तो पुलिस इस मामले को लेकर टालमटोल करती है पर लोगो के ज्यादा दवाब पर वह शवो को सीमा पार कराने में जरा से भी देर नही करती और बाद में सीमा विवाद के कारण शव किनारे सड़ता रहता है ।
पुलिस लापरवाही से मिट जाते है साक्ष्य-
चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों की माने तो करीब 135 घंटे बाद होने वाले पोस्टमार्टम की स्थिति में चिकित्सकों को मौत का कारण तय करने में मुश्किल आती है। दो दिन बाद लाश का रंग बदलने लगता है। हरा होने के साथ तीसरे दिन कलर काला हो जाता है। इसके बाद बॉडी रखने पर उसकी खाल भी शरीर से हटने लगती है। बॉडी सड़ने के कारण मांस पेशियां भी सड़ जाती हैं। इससे मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाता।
बोले जिम्मेदार
इस मामले में अमेठी पुलिस अधीक्षक हीरालाल से बात की गई तो उनके मुताबिक मामला अब संज्ञान में आया है दोनों शवो को जल्द ही पुलिस द्वारा निकालकर आगे की कारवाही की जायेगी।
रिपोर्ट- @राम मिश्रा