लखनऊ- सपा सरकार में चल रही खटास अब खुलकर सामने आ गई है। दरअसल आज यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला करते हुए कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। इस संबंध में अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र भेज दिया है। शिवपाल के अलावा बर्खास्त होने वाले मंत्रियों में शादाब फातिमा, नारद राय व ओम प्रकाश हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश के फैसले के बाद शिवपाल यादव सपा सुप्रीमो मुलायम से मिलने के लिए उनके आवास पर गए हैं। उधर, शिवपाल के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी है।
बैठक में शामिल हुए एक विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी पार्टी को कमजोर करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
विधायक के अनुसार बैठक में शिवपाल यादव का नाम नहीं लिया गया, अमर सिंह का नाम लिया गया। वहीं, अलग पार्टी बनाने की कोई चर्चा नहीं हुई। विधायक ने कहा कि समाजवादी पार्टी एक है और एक होकर ही चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 5 कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर बैठक में ये फैसले लिए। इसमें शिवपाल खेमे के एमएलए व एमएलसी शामिल नहीं हुए थे।
इसके अलावा, सपा मुख्यालय में 24 अक्तूबर को विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, प्रत्याशियों की बैठक प्रस्तावित है। इसमें सपा मुखिया मुलायम सिंह मौजूद रहेंगे।
हर कोई ले रहा है अमर सिंह का नाम
सपा में मची रार पर हर कोई इसके लिए अमर सिंह को जिम्मेदार ठहरा रहा है। विधायकों का कहना है कि सीएम अखिलेश यादव ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि जो लोग अमर सिंह के साथ हैं उन्हें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक में अखिलेश ने अपने समर्थकों से राय ली। सभी ने हाथ उठाकर कहा कि आप जो भी फैसला करेंगे, सभी साथ है।
सीएम के शिवपाल को बर्खास्त किए जाने के फैसले से सपा में अभी तक ऊपर से कुछ हद तक शांत नजर आ रहा विवाद अब फिर से उभर आया है।
शिवपाल यादव के समर्थक अब खुलकर मुख्यमंत्री के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। शिवपाल समर्थकों का कहना है कि उन्होंने नेताजी के साथ मिलकर पार्टी को इस मुकाम तक पहुंचाया है। अब उनकी जो अनदेखी की जा रही है, वो गलत है। शाश्वत तिवारी/ एजेंसी