लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन योगी सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया। आज यूपी विधानसभा में 2017-18 का 3,84,659.71 करोड़ का भारी भरकम बजट पेश किया गया, योगी सरकार का ये बजट पिछली अखिलेश सरकार की तुलना में 11% अधिक है।विधानसभा में प्रदेश के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने 63 पेज की बजट पुस्तिका पड़ी।आज पेश हुए बजट में मुख्य तौर पर लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण अदायगी के लिए 36,000 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
ऽ बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल एवं विन्ध्य क्षेत्र में सतही जल आधारित ग्रामीण पेयजल योजना हेतु 2 हजार 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था।ऽ राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ‘विधायक निधि’ योजना के क्रियान्वयन के लिए 762 करोड़ रुपये की व्यवस्था।पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्यऽ पीसीडीएफ के अन्तर्गत प्रदेश में 10 डेयरी प्लाण्टों की स्थापना तथा 04 डेयरी प्लाण्टों के सुदृढ़ीकरण एवं अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं हेतु 134 करोड़ 10 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ कानपुर में निर्माणाधीन नवीन ग्रीन फील्ड मिल्क पाउडर प्लाण्ट को पूरा करने के लिए 35 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था।ऽ दुग्ध संघों को सुदृढ़ तथा पुनर्जीवित किए जाने के लिए 57 करोड़ 25 लाख रुपये की व्यवस्था।ऽ गौशालाओं में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए गौ सेवा आयोग को अनुदान हेतु 15 करोड़ 16 लाख रुपये की व्यवस्था।
वित्तीय वर्ष 2017-18 का कुल बजट: 3.84 लाख करोड़
अनुमानित आय-व्यय(budget 2017-18):
वर्ष 2017-2018 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 131 करोड़ 17 लाख रुपये (131.17 करोड़ रुपये) अनुमानित है।
वर्ष 2017-2018 में प्रारम्भिक शेष 1 हजार 204 करोड़ 55 लाख रुपये (1,204.55 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये,
अन्तिम शेष 1 हजार 335 करोड़ 72 लाख रुपये (1335.72 करोड़ रुपये) होना अनुमानित हैं।
अनुमानित शुद्ध प्राप्तियां(budget 2017-18):
लोक लेखे से 7 हजार 600 करोड़ रुपये (7600 करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियां अनुमानित हैं।
समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात् 7 हजार 468 करोड़ 83 लाख रुपये का घाटा अनुमानित है।
राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 28.6 प्रतिशत अनुमानित है।
अनुमानित राजकोषीय घाटा-बचत(budget 2017-18):
वित्तीय वर्ष 2017-2018 में 42,967.86 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है,
जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है।
राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 28.6 प्रतिशत अनुमानित है।
वर्ष 2017-2018 में 12 हजार 278 करोड़ 80 लाख रुपये (12,278.80 करोड़ रुपये) का राजस्व बचत अनुमानित है।
साथ ही 77 हजार 541 करोड़ 8 लाख रुपये (77541.08 करोड़ रुपये) पूँजी लेखे का व्यय है।
कुल व्यय में 3 लाख 7 हजार 118 करोड़ 63 लाख रुपये (3,07,118.63 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय है,
कुल व्यय 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ 71 लाख रुपये (3,84,659.71 करोड़ रुपये) अनुमानित है।
कर(budget 2017-18):
केंद्रीय करों में राज्य का अंश 1 लाख 21 हजार 406 करोड़ 51 लाख रुपये (1,21,406.51 करोड़ रुपये)सम्मिलित है।
इसमें स्वयं का कर राजस्व 1 लाख 11 हजार 501 करोड़ 90 लाख (1,11,501.90),
राजस्व प्राप्तियां तथा 57 हजार 793 करोड़ 45 लाख रुपये (57,793.43 करोड़ रुपये) की पूंजीगत प्राप्तियां सम्मिलित हैं।
कुल प्राप्तियों में 3 लाख 19 हजार 397 करोड़ 43 लाख रुपये (3,19,397.43 करोड़ रुपये) की,
वर्ष 2017-2018 में 3 लाख 77 हजार 190 करोड़ 88 लाख रुपये (377190.88 करोड़ रुपये) की कुल प्राप्तियां अनुमानित हैं।
राजस्व संग्रह(budget 2017-18):
वाहन कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 5 हजार 481 करोड़ 20 लाख रुपये निर्धारित।
स्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 17 हजार 458 करोड़ 34 लाख रुपये निर्धारित।
आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 20 हजार 593 करोड़ 23 लाख रुपये निर्धारित।
@शाश्वत तिवारी