लखनऊ- यु तो पूरी विधानसभा की सुरक्षा का मामला ही राम भरोसे चल रहा है, पर आज यहाँ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। हुआ यु की आज विधानसभा कॉमन हॉल में बाल संसद का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमे मुख्य रूप से सीएम और उनकी पत्नी सांसद डिम्पल यादव के साथ विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय सहित कई नेताओ शामिल हुए।
इस कार्यक्रम से लौटते वक़्त तकनीकी खराबी के कारण लिफ्ट से निचे उतरते समय सीएम अखिलेश और पत्नी डिंपल यादव करीब 40 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे। सीएम और उनकी पत्नी के लिफ्ट में फंसने की सुचना से सुरक्षाकर्मियों में हड़कम्प मच गया। सीएम के लिफ्ट में फसने की खबर सुनते ही ड्यूटी पर तैनात इंजीनियर लिफ्ट चालू करने की बजाये मौके से भाग निकले।
आनन-फानन में गैस कटर की मदद से लिफ्ट को काट कर मुख्यमंत्री व उनकी पत्नी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में ये एक बड़ी चूक का मामला है, जिसे देखते हुए सम्बंधित, अधिशासी अभियंता, एई और जेई को तत्काल निलंबित करने का आदेश दे दिए गया है और साथ ही लिफ़्ट कंपनी क्रूप थायसन पर एफआईआर करने के आदेश जारी हो गए है। अभी बड़ों पर कार्रवाई की खबर आनी बाकी है।
मायावती जब सीएम थी, आईजी लिफ्ट की रखवाली करता था, अखिलेश की सुरक्षा में एसपी भी नहीं रहता, अखिलेश की सिधाई का बेजा फायदा उठा रहे है यहाँ के अफसर। सीएम को Z प्लस NSG कवर हासिल है, कहीं भी जाने से पहले पूरा रुट दो बार चेक किया जाता है, लेकिन सुरक्षा निदेशालय के अफसर नाकारा साबित हुए है।
आज की इस घटना के लिए क्या सचिवालय प्रशासन के सचिव पर FIR होगी ? राज्य सम्पत्ति अधिकारी भी बराबर के गुनहगार, सुरक्षा निदेशालय के सम्बंधित अफसरो की भी सीधी जिम्मेदार बनती है। 15 साल से विधानसभा में तैनात हैं एई, जेई, ये इंजीनियर आज इतने बड़े नेता बन चुके है की इनका यहाँ से तबादला नहीं होता, या यु कहा जाये की इनका तबादला करने की अफसरों में हिम्मत नहीं है।
सचिवालय के सचिव, सुरक्षा निदेशालय के अफसर, सीएम की सुरक्षा मे निकम्मों की फौज तैनात, गुनहगार अफसरो को तत्काल बर्खास्त कर जेल भेजा जाना चाहिए। आज की इस घटना के लिए सचिवालय प्रशासन, सुरक्षा निदेशालय सीधा जिम्मेदार है। लिफ्ट का एनुअल मेनटेनेंस के पैसे मे भी घपला सामने आएगा, मेनटेनेंस का पैसा तो दिया गया पर समय से इन लिफ्ट चेक नहीं किया गया।
रिपोर्ट:- शाश्वत तिवारी