उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएए का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों को चेताया कि कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि 12-15 लोग तलवार लेकर आएंगे, मार-काट करेंगे तो उनकी आरती नहीं उतारी जाएगी। आगजनी और तोड़फोड़ करके कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। नोट कर लें, गलतफहमी है तो दिमाग से निकाल दें, कयामत का दिन कभी नहीं आने वाला।
विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सबका विकास करेगी, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं करेगी। सभी अपनी परंपराओं के अनुसार त्योहार मनाएं, लेकिन दूसरों के मामलों में दखल देंगे तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पिछली सरकार में पुलिस लाइन में जन्माष्टमी नहीं मनाई जाती थी, कांवड़ यात्रा में डीजे नहीं बजा सकते थे। हमने दोनों परंपराओं को लागू किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि 12-15 लोग तलवार लेकर आएंगे, मार-काट करेंगे तो उनकी आरती नहीं उतारी जाएगी। आगजनी और तोड़फोड़ करके कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। नोट कर लें, गलतफहमी है तो दिमाग से निकाल दें, कयामत का दिन कभी नहीं आने वाला।
पिछली सरकार में हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ होता था, उन्हें चिढ़ाया जाता था। पिछली सरकार को कांवड़ लाने वाले शिवभक्तों की ड्रेस से चिढ़ थी। लेकिन अब हरिद्वार से गाजियाबाद तक 4 करोड़ श्रद्धालु कांवड़ लेकर निकलते हैं। अयोध्या में दीपोत्सव में 5.50 लाख श्रद्धालु शामिल हुए, मथुरा में रंगोत्सव में लाखों लोग शमिल हुए। कुंभ में 25 करोड़ लोगों ने भागीदारी की। माघ मेले में ढाई से तीन करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए पर इन आयोजनों में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया।
योगी ने सीएए की खिलाफत कर रहे आंदोलनकारियों को चेताया कि कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं है। सबको बोलने की आजादी है सरकार संवाद में विश्वास करती है। लोकतंत्र में सहमति-असहमति चलती है। हम किसी का लोकतांत्रिक अधिकार नहीं ले रहे हैं, लेकिन लोकतांत्रिक अधिकारों की आड़ में तोड़फोड़ व आगजनी की छूट किसी को नही दी जा सकती। जो ऐसा करेगा उसे इसकी भरपाई करनी पड़ेगी।
उन्होंने विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यहां सीएए समर्थक बैठे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे देश की छवि खराब करके क्या पाना चाहते हैं? आगजनी, तोड़फोड़ कर निर्दोषों को निशाना बनाकर वे क्या साबित करना चाहते हैं? कानून को बंधक बनाकर, सुरक्षा को चुनौती देकर उन्हें क्या मिलने वाला है। सीएए नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा यह कानून 1955 में कांग्रेस ने बनाया था। इसमें नागरिकता देने की सीमा 11 साल की जगह 5 साल की गई है। कांग्रेस करे तो ठीक, हमारी सरकार करे तो गलत। जिस मशीनरी को विकास के कामों में जुटना था, भ्रम और अव्यवस्था पैदा करके कुछ लोग उनकी ऊर्जा को डायवर्ट करना चाहते हैं।
यह विकास को अवरुद्ध करने और देश की छवि को बिगाड़ने का कुत्सित प्रयास है। इस मुद्दे पर विपक्ष का रवैया गैर जिम्मेदार है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। विपक्ष को सदन में सही तथ्य रखने चाहिए। विरोध दर्ज कराने के लिए सदन से बेहतर जगह क्या होगी? हम विपक्ष को सम्मान देंगे, लेकिन 23 करोड़ लोगों की सुरक्षा भी हमारा दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया है। अयोध्या में रामलीला के मंचन के बाद इंडोनेशिया के कलाकार उनसे मिलने आए थे। सीता, राम, हनुमान, सभी का अभिनय करने वाले मुस्लिम थे। उन्होंने कहा कि राम हमारे पूर्वज हैं। हमने उपासना विधि बदली है पूर्वज नहीं। कुछ लोग इस देश में रहकर यहां की रोटी खाएं और राम से दुराव करें, यह ठीक नहीं है। उन्हें राम के नाम पर करंट लगता है। अयोध्या में हमने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दी है। याद दिलाया, केरल में मस्जिद हिंदू राजा ने बनवाई थी। हमारी प्रतिबद्धता किसी जाति, मत या मजहब नहीं, प्रदेश की 23 करोड़ जनता के प्रति है।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला किया। कहा, यदि सपा सरकार के बिजली खरीद के अनुबंध को उजागर कर दें को बहुत सारे लोग बेनकाब हो जाएंगे। हमने यही गड़बड़ियां रोकी हैं तभी प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। हमने नोएडा का 10 वर्ष का सीएजी ऑडिट कराया है। नोएडा में 30 हजार करोड़ का घोटाला मिला है। यही स्थिति ग्रेटर नोएडा की है। यह मेरा नहीं, प्रदेश की जनता का पैसा है। इसे प्राप्त करने का अधिकार सरकार को है। वर्षों पुरानी पुरानी गंदगी को साफ कर रहे हैं।
उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई ‘जहां सुमति तहां संपति नाना, जहां कुमति तहां विपति विधाना’ का जिक्र करते हुए कहा, पिछली सरकार में इसलिए विपत्ति थी कि वहां सकारात्मकता नहीं थी, संकीर्णता और स्वार्थ था। जहां स्वार्थ होगा वहां परमार्थ नहीं होगा और जहां संकीर्णता होगी वहां विराटता नहीं आएगी। इसी संकुचित दायरे में कैद रहने का दुष्परिणाम यह था कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी 2016-17 में प्रदेश का बजट 3.26 लाख करोड़ था।