अमेठी- उत्तर प्रदेश अमेठी जनपद के बच्चे हैवानियत का शिकार हो रहे हैं। वही खुद को हाईटेक कहने वाली पुलिस अपरहण के सभी मामलों में फिसड्डी साबित हुई है बीते कई महीनों से ऐसी वारदातों की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन हर वारदात का नतीजा सिर्फ एक ही रहा। गुमशुदा का शव मिलने पर ही खाकी हरकत में आई है। उसके बाद भी पुलिस आरोपियों से दूर है अपहरण के मामलों में पुलिस के रटे-रटाये जुमले है जैसे- कही चला गया होगा, डांटने से भाग गया है इसके बाद गुमशुदगी दर्ज करके इतिश्री हो जाती है अगर हाल में हुई घटनाओं को देखें तो कुछ ऐसा ही हुआ।
बता दें कि जनवरी माह में अमेठी मुसाफिरखाना कोतवाली अन्तर्गत पूरे शिवा तिवारी के फूलचंद का पांच वर्षीय बेटा प्रतीक शाम को घर के पास से अचानक गायब हो गया था। फूलचंद ने दो व्यक्तियों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था पुलिस इस मामले में कुछ कर पाती इससे पहले ही अपहृत प्रतीक की हत्या कर मासूम की लाश को फूलचंद के दरवाजे पर डाल दी गयी थी।
पुलिस पर लगा था लापरवाही का आरोप-
मासूम की हत्या की खबर पर मौके पर जमा हुए ग्रामीणों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव उठाने से मना कर दिया आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर रही थी आरोप लगा था कि तत्कालीन कोतवाल ने पीड़ित को खुद तलाश करने की बात कह रहे थे। हद तो तब हो गई जब घर के बाहर प्रतीक का शव पड़ा देख परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोतवाली से बमुश्किल दो सौ मीटर की दूरी तय करने में दो घंटे से भी अधिक समय लग गया वह भी स्पेशल मैसेंजर के कोतवाली जाने के बाद देर से पहुंची पुलिस को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। स्थिति बिगड़ती देख कई थानों की फोर्स बुलाई गई। पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगे।
अपह्रत किशोर की खेत में मिली लाश-
अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के निवासी रामराज मौर्य का बेटा चन्द्र प्रकाश (13) जो कक्षा 5 का छात्र था 12 दिसम्बरको गांव से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सम्भई गांव अपने मामा की बारात गया था यहां से रात 12 बजे के बाद चन्द्र प्रकाश का आपहरण हो गया था, घर वालो ने बहुत ढूंढा लेकिन कोई पता नही चला 13 दिसम्बर 2016 को जामो थाने मे नामजद तहरीर दी गई पर कोई सुनवाई नही हुई इस पर पीड़ित पिता ने इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक अमेठी को दी एसपी के निर्देश पर थानाध्यक्ष ने तब गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज की । कुछ दिनों के बाद चन्द प्रकाश की क्षत विक्षत लाश सरशों के खेत में पड़ी मिली ।
अब फिर गायब नौनिहाल, परिजन बेहाल-
अमेठी जनपद के कोतवाली मुसाफिरखाना से सटा क़स्बा पूरे शिवा तिवारी में एक बार फिर से एक मासूम के लापता होने से सनसनी फैल गयी है परिजन दिन रात तलाश में दौड़ में है मगर कहीं सुराग नही लग रहा है परेशान परिजनो ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन अभी तक कोई हलचल न हुई, तो जिसके चलते परिजनों में काफी आक्रोश है हैरानी की बात यह है कि अभी भी पुलिस मासूम की सुरागरशी के मूड में नही दिख रही है ।
कोतवाली मुसाफिरखाना के पूरे शिवा तिवारी वार्ड नं चार की निवासी रामकली पत्नी कामता प्रसाद का नाती नीरज कुमार(12 वर्ष ) स्व दयाराम 16 नवम्बर को लगभग 11 बजे घर से आटा पिसाने के लिए बाजार निकला लेकिन शाम होने तक वापस नही आया जब परिजनों को देरी का अहसास हुआ तो वे उसकी तलाश में जुट गए आसपास कहीं पता न चला, तो रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर के तमाम इलाकों में तलाश की, मगर निराशा हाथ लगी। हताश परिजनों ने इस मामले क़ो मुसाफिरखाना पुलिस को अवगत कराते हुए मासूम की तलाश कराने को कहा। परिजन बताते हैं कि पुलिस औपचारिकता निभाने के साथ ही शांत बैठ गई। काफी भाग-दौड़ के बाद भी मासूम का कोई सुराग नही लग पा रहा है परिजन अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस से गुहार लगायी है ।
पहले भी हो चुकी है एक मासूम की अपहरण के बाद हत्या-
अमेठी का पूरे शिवा तिवारी वही बदनसीब गाँव है जहाँ विगत जनवरी माह में अपनों ने ही एक मासूम को चन्द फिट की जमीन की खातिर अगवा करके हत्या कर दी थी इसी बात को सोच कर नीरज कुमार के परिजन भी अनहोनी की आशँका कर चिंतित है ।
यह रहते हैं प्रयास-
पुलिस की ओर से नाबालिग होने पर मुकदमा व अन्यों की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद गुमशुदा के बारे में जिले व रेंज के पुलिस थानों एवं राज्य स्तर पर पुलिस वेबसाइट पर सूचना प्रसारित की जाती है सार्वजनिक स्थानों पर फोटो व नाम-पता आदि की जानकारी देते हुए पम्पलेट चस्पा कराए जाते है संचार माध्यमों से भी प्रचार-प्रसार कराया जाने का प्रावधान है किसी तरह की सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी रवाना की जाती है।
समय व नफरी का टोटा-
वैसे यह भी सच है कि पुलिस दमखम से जुट जाए तो लापता लोगों का पता लगाना बड़ी बात नहीं है, लेकिन आए दिन होने वाले धरना-प्रदर्शन, रैली, मेले व वीआईपी विजिट आदि में व्यस्तता तथा इसके बाद छिटपुट लड़ाई-झगड़ा, जमीन जायदाद को लेकर विवाद व दुर्घटनाओं के मामले अधिक होने से व्यस्तता रहती है फिर कानून-व्यवस्था ड्यूटी व आए दिन बैठकों में भी भाग लेने भी होता है। विभाग में नफरी की कमी के अलावा व्यस्तता अधिक रहने से पुलिस की ओर से प्रभावी प्रयास कम ही होते है।
मामला चाहे जो भी हो लेकिन एक बात तो तय है कि गायब हुए बच्चे मां-बाप की आंखों से कोसों दूर किस तरह जीवन गुजार रहे होंगे, और उनके परिजन कैसे दिन काट रहे होंगे, इसका अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है।
बोले जिम्मेदार –
अनीस अहमद अन्सारी पुलिस अधीक्षक [अमेठी] ने कहा कि मामला बेहद दुखद और गम्भीर है शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही की जायेगी ।
रिपोर्ट- @राम मिश्रा