लखनऊ – राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को एक बार फिर सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपराध तो देशभर में होते हैं, मगर यूपी के हालात ज्यादा ही खराब हैं। यहां तक कि पुलिस स्टेशन में वारदातों के बाद अब न्यायालय में भी घुसकर हत्या हो रही है।
राज्यपाल राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर संभल कर बोलते दिखे। कहा, सब चाहते हैं कि रास्ता जल्द निकाला जाए। मामला सर्वोच्च न्यायालय में है, ऐसे में या तो आम सहमति बने या सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार किया जाए। पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
राज्यपाल श्री नाईक ने शुक्रवार दोपहर नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज के 16वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सूबे के कानून-व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की। कहा कि देश में सभी जगह अपराध होते हैं, मगर उप्र में कुछ ज्यादा ही हैं।
चोरी, डकैती, मारामारी के बाद पुलिस स्टेशन तक में बेखौफ घटनाएं हुईं। अब न्यायालय में भी हत्या की जा रही है। राम मंदिर मुद्दे पर कहा कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इस मसले का हल आपसी सहमति या फिर न्यायालय से ही निकलेगा। उन्होंने जल्द कोई न कोई हल निकल आने की उम्मीद जताई।
राज्यपाल राम नाईक का टकराव प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खां से लंबे समय से चल रहा है। आजम खां और राम नाईक दोनों ही इशारों इशारों में ही सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे पर निशाना साध चुके हैं। खुद को आजम खां से पीड़ित बताते हुए राम नाईक ने उनकी शिकायत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से करने की बात कही थी।
उधर आजम खां ने राज्यपाल को चार पेज का एक शिकायती पत्र लिखकर अपनी चिंताएं जाहिर की थी। आजम खां ने यह भी कहा था कि वह राज्यपाल बीजेपी के एक नेता की तरह प्रदेश में काम कर रहे हैं और उसकी शिकायत वह राष्ट्रपति से करेंगे। आजम खां और राज्यपाल के बीच टकराव का यह मसला उप्र की विधानसभा में भी गूंजा था।