चंदौली – जिले का स्वास्थ्य महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है । स्वास्थ्य अधिकारी जैसे आँख मूंदे हुए है और आनन फानन में लक्ष्य पूरा करने के लिए महिलाओ की जिंदगी से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे है । जिले के नियामताबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है । जहां डाक्टरों ने 27 महिलाओ का नसबंदी का आपरेशन करके उनको तुरंत जमीन पर लेटा दिया । महिला मरीजों का आरोप है की अस्पताल में एक बेड नहीं और और बाथरूम के बगल महिलाओ को फर्श पर सुलाया गया है |आशा कर्मियों ने स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक पर दुर्वयहार का आरोप लगाया और जमकर हंगामा किया । डीएम ने पुरे मामले में जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए है ।
चंदौली जिले के नियामताबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था और महिलाओ को आपरेशन के तुरंत बाद उन्हें जमीन पर लेटा दिया गया । अस्पताल तो दो बेड का है पर अस्पताल में एक भी बेड मौजूद नहीं था । नसबंदी शिविर में ना तो उनके स्वास्थ का ध्यान रखा गया और ना ही पर्याप्त इंतजामो का । सुबह से ही आशा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा नसबन्दी के लिए नियामताबाद ब्लाक क्षेत्र के महिलाओ को नियामताबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया था । जिसमे 32 महिलाओ का नसबंदी के लिए पंजीकरण हुआ था । जिसमे 27 महिलाओ का नसबन्दी का ऑपरेशन किया गया । अस्पताल में बदबूदार बाथरूम के बगल में नसबंदी के बाद महिलाओ को लिटा दिया गया । मरीजों के परिजनों का आरोप था की अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है । मरीजों को फर्श पर लिटाया गया है । नसबंदी करने आई महिलाओं के परिजनों ने बताया की जब हम लोग इसकी शिकायत करते है तो डॉक्टर कहते है की ऑपरेशन कराना है तो कराओ नहीं तो यहाँ से जाओ ।
यही नहीं हद तो तब हो गयी जब आशा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लायी गयी महिला मरीजों को फर्श पर लिटाये जाने पर उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से इस बात की शिकायत की तो अधीक्षक महोदय ने उनको भला बुरा कहा और उनसे दुर्व्यवहार किया । जिस पर आशा स्वास्थ्य कर्मी आग बबूला हो गयी और जमकर हंगामा किया । उन्होंने गावं में बाटे जाने वाली दवाइयाँ बाहर फेक दी और अपने अपाने क्षेत्रो में दवाइयाँ नहीं बाटने का ऐलान किया । आशा स्वास्थ्य कर्मियों का आरोप है की अस्पताल अधीक्षक हमें नसबंदी के बाद हमें चेक नहीं देते और अकेले में अपने कमरे में बुलाते है ।
नियामताबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ चन्द्रमणि से पूछा गया तो उन्होंने अस्पताल में कोई सुविधा न होने की बात भी स्वीकार कर ली । जब उनसे पूछा गया की आपने अपने उच्चाधिकारियों को इस बात की जानकारी दी तो अधीक्षक महोदय का कहना है की उच्चाधिकारी कहते है की मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखिये दोनों के हित में जो पहले जरुरी है वो करिये । यही नहीं अधीक्षक ने ये भी कहा की हम लोग अपने हिसाब से आपरेशन करते है । जरुरी ये है की उनका ऑपरेशन हो ना की बेड के अभाव में मरीज वापस चला जाये ।
इस पुरे मसले पर चंदौली जिलाधिकारी एन के सिंह से बात की गयी तो उनका कहना है की पुरे मामले की जाँच के लिए हमने मुख्य चिकित्साधिकारी को आदेशित कर दिया है और मामले में जाँच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी ।
चंदौली जिले में एक महीने में ये तीसरा मामला सामने आया है इससे पहले 30 जनवरी को जिले के नक्सल प्रभावित नौगढ़ सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र में भी ठंड की ठिठुरन में रात भर आपरेशन के बाद फर्श पर सुलाया गया था । वही 09 फ़रवरी को धानापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आपरेशन के तत्काल बाद महिलाओ को डिस्चार्ज कर दिया गया और महिलाओ को परिजन रिक्सा ट्राली पर अपने घर ले गए । बड़ी बात ये है की इन दोनों मामलो में भी जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच की बात कही थी लेकिन उस जांच का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला । अब देखते है की जिलाधिकारी महोदय के आदेश पर क्या जांच होती है और जांच का क्या परिणाम निकलता है ?
रिपोर्ट :- संतोष जायसवाल