अमेठी- भारत में साधु-संतों तथा साधको के तप का अनुमान लगाना संभव नही है। कठिन से कठिन तपस्या कर ये खुद को ईश्वर की भक्ति में समर्पित कर देते हैं। ठीक इसी प्रकार आज हम आपको जौनपुर के ऐसे ही साधिका से मिलाने जा रहे हैं जो शारदीय नवरात्र में जगतजननी माँ जगदम्बा को प्रसन्न करने के लिए अपनी शीतला माता के धाम के परिसर में सीने पर कलश रखकर आराधना कर रही है।
जौनपुर जनपद सिरकोनी शादी पुर की रहने वाली गुड़िया सोनकर लगातार 4 नवरात्र वर्षो से अपने सीने पर कलश की स्थापना करके बिना अन्न जल ग्रहण व बगैर नित्य क्रिया किये ही माता की भक्ति में लगी है। यह महिला इस अनूठे अनुष्ठान को पिछले चार वर्षों से चैत और शारदीय नवरात्र में करती चली आ रही है।
गुड़िया सोनकर का कहना है माता से प्रेरणा पाकर वह ये भक्ति कर रही है। वही इस कठिन साधना क़ो देखने के लिए कौतूहलवश बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है । गुड़िया सोनकर का कहना है कि चार वर्ष पूर्व उसे बच्चा पैदा हुआ था। बच्चा पैदा होने के बाद से ही बीमार रहने लगा। कई डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद भी वह ठीक नही हुआ तो पति-पत्नी माता शीतला के दरबार में आकर बच्चे के ठीक होने की मन्नत मांगी।
उसके बाद से उनका बेटा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। तब से लेकर आज तक गुड़िया सोनकर हर नवरात्रों में अपने सीने पर कलश स्थापित कर नौ दिनों का व्रत रखकर मां शीतला की पूजा करती हैं। गुड़िया अपनी इस अनोखे अनुष्ठान के कारण सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बनी हुई है।
गुड़िया सोनकर के साथ उसका पति राजेश सोनकर भी पूरे समय उसके पास ही रहकर चैकियां माता की आराधना करता रहता है और पत्नी की देखभाल भी करता है। उसने बताया कि जब गुड़िया का गला सुखने लगता है तो आम के पत्ते से उसे दो-दो बूंद दुध पिलाया जाता है।
रिपोर्ट- @राम मिश्रा