एक तरफ कई राज्यों में धर्मांतरण निरोधक कानून लागू किया गया है। इसको लेकर सियासत भी चरम पर है। इस सब के बीच लव जिहाद को लेकर एक नई किस्म की बहस भी शुरू हो गई है। हालांकि इस कानून में इस बात का जिक्र किया गया है कि जबरन धर्म परिवर्तन कराने या धोखे से शादी कर फिर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना कानूनन अपराध है और इसी को लेकर यह कानून बनाया गया है।
लेकिन अब जो खबर सामने आ रही है वह बिल्कुल विपरीत है। अभी तक हर मामले में इस बात को साफ देखा जा रहा था कि कोई लड़का बहला फुसलाकर या धोखे में रखकर, नाम बदलकर दूसरी धर्म की लड़की से दोस्ती करता है और फिर उस लड़की को धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर करता है।
लेकिन अब जो घटना सामने आई है, वह उत्तर प्रदेश के औरेया जिले की है। इसमें एक हिंदू लड़के आकाश के साथ एक मुस्लिम महिला 12 अक्टूबर 2020 को घर छोड़कर चली जाती है। फिर दोनों दिल्ली पहुंचते हैं और यहां 14 अक्टूबर को आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर लेते हैं। इसके बाद दोनों साथ रहने लगते हैं लेकिन 5 जनवरी को दोनों वापस अपने इलाके में लौट आते हैं फिर लड़की कहती है लड़का कुबूल ले इस्लाम तो फिर से साथ रहने में आपत्ति नहीं।
औरैया जिले में आर्य समाज मंदिर में हिंदू युवक से शादी करने वाली मुस्लिम युवती ने बुधवार को मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि युवक मुस्लिम धर्म नहीं अपना रहा है इसलिए वह उसके साथ नहीं रहना चाहती। इसपर युवती को उसके परिजनों के साथ भेज दिया गया।
बीहड़ क्षेत्र के गांव कुलगांव निवासी आकाश पुत्र रामपाल कुशवाहा का पास के ही गांव निवासी नाजरा उर्फ नाजो पुत्री अल्लाउद्दीन से प्रेम प्रसंग चल रहा था। परिजनों के विरोध के कारण दोनों 12 अक्तूबर को घर से चले गए थे। नाजरा के पिता ने 14 अक्तूबर को इसकी जानकारी अयाना थाना पुलिस को दी थी।
पुलिस ने आकाश के खिलाफ नाजरा को ले जाने का मामला दर्ज किया था। दिल्ली में दोनों ने 21 दिसंबर 2020 को आर्य समाज मंदिर में शादी रचा ली थी। नाजरा ने अपना नाम नेहा दर्ज कराया था। चार जनवरी को दोनों गांव लौटे। बुधवार को नाजरा उर्फ नेहा के बयान मजिस्ट्रेट के सामने हुए।
नाजरा ने यह कहकर आकाश के साथ नाता तोड़ दिया कि आकाश मुुस्लिम धर्म नहीं अपना रहा है इसलिए मैं उसके साथ नहीं रहूंगी। अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित ने बताया कि युवती को परिजनों के साथ भेज दिया गया है।